मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्यस्तरीय बैंकर समितियों को पायलट आधार पर एक जिले का चयन करने को कहा है, ताकि डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार किया जा सके. रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान पारिस्थतिकी तंत्र के विस्तार के लिए सभी राज्यों-संघ शासित प्रदेशों की बैंकर समितियों (एसएलबीसी-यूएलबीसी) से अपने राज्य में पायलट आधार पर कम से कम एक जिले की पहचान करने को कहा गया है. इन जिलों का चयन बैंकों और अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद किया जायेगा.
राज्यस्तरीय बैंकर समिति का गठन अप्रैल, 1977 में एक शीर्ष अंतर संस्थागत मंच के रूप में सभी राज्यों में उचित संयोजन मशीनरी के सृजन के लिए किया गया था. रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रत्येक पहचाने गये जिले को एक बैंक को आवंटित किया जायेगा. उस बैंक को जिले को एक साल में 100 फीसदी डिजिटल अनुकूल बनाना होगा. इससे जिले का प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित तरीके, तेजी, सस्ती दर और सुविधाजनक तरीके से भुगतान प्राप्त कर सकेगा.
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