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IMC 2019 : एयरटेल ने स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत को बताया चुनौती, सरकार ने दिये दाम कम करने के संकेत

नयी दिल्ली : सोमवार को आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2019 में दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में शुमार एयरटेल ने स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत और नेटवर्क स्थापित करने की लागत को कर्ज के बोझ से दबे इस क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण करार दिया है. अपने संबोधन में भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल ने […]

नयी दिल्ली : सोमवार को आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2019 में दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में शुमार एयरटेल ने स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत और नेटवर्क स्थापित करने की लागत को कर्ज के बोझ से दबे इस क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण करार दिया है. अपने संबोधन में भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल ने कहा कि स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत और नेटवर्क लगाने की लागत कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार उद्योग के समक्ष एक बड़ी चुनौती है. उधर, सरकार ने आगामी नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम के आरक्षित मूल्य में कमी के संकेत दिये हैं.

अपने संबोधन में भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल ने कहा कि देश में उच्च गति की ब्रॉडबैंड सेवा के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की लागत का 75 फीसदी स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा लिया जाने वाला शुल्क होता है. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम का मौजूदा आरक्षित मूल्य वैश्विक स्तर पर अन्य देशों की तुलना में करीब सात गुना है. स्पेक्ट्रम के ऊंचे मूल्य तथा उसके साथ साइटों और फाइबर के लिए अधिक निवेश करने की जरूरत से दूरसंचार उद्योग प्रभावित है.

भारत में मुकदमेबाजी से भी परेशान है दूरसंचार क्षेत्र

मित्तल ने बताया कि अभी भारत में प्रति दूरसंचार ग्राहक औसत आमदनी (एआरपीयू) मात्र 1.5 डॉलर है. अमेरिका में यह 36 डॉलर और चीन में 6.5 डॉलर है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भारत में कंपनियों को इन देशों के समान ही निवेश करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मुकदमेबाजी से भी दूरसंचार क्षेत्र प्रभावित है. करीब एक लाख करोड़ रुपये के मामले मुकदमेबाजी में फंसे हैं.

सरकार ने दिया स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य घटाने का संकेत

उधर, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगामी नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम के आरक्षित मूल्य में कमी के संकेत दिये हैं. 5जी समेत अन्य बैंड के स्पेक्ट्रम की अत्यधिक कीमत को लेकर चिंताओं के बीच दूरसंचार मंत्री सोमवार को मूल्य निर्धारण में सुधार का वादा किया. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी इसी वित्त वर्ष में होगी. उन्होंने कहा कि सरकार दूरसंचार उद्योग की चुनौतियों और समस्याओं से अवगत भी है और उन्हें लेकर जागरूक भी है. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी इस वित्त वर्ष में की जायेगी. हम स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण में कुछ सुधार कर रहे हैं.

ट्राई ने 4.9 लाख करोड़ रुपये के आधार पर मूल्य निर्धारण की सिफारिश की थी

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने पिछले साल 8,644 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की 4.9 लाख करोड़ रुपये के आधार मूल्य पर बिक्री की सिफारिश की थी. इसमें 5 जी सेवाओं के लिए भी स्पेक्ट्रम शामिल है, लेकिन वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों ने गुहार लगायी थी कि प्रस्तावित कीमत वहन करने योग्य नहीं है और बहुत ज्यादा है. कुछ कंपनियों ने कहा था कि दक्षिण कोरिया, स्पेन, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों में 5जी बैंड की औसत कीमत 84 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज है, जबकि ट्राई ने इसी बैंड के लिए 5-6 गुना ज्यादा कीमत 492 करोड़ की सिफारिश की है.

सरकार को दूरसंचार क्षेत्र के लिए अनुकूल नियामकीय माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत : बिड़ला

वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने अनुकूल नियामकीय माहौल सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि नये डिजिटल इंडिया के निर्माण के लिए फलता-फूलता दूरसंचार क्षेत्र जरूरी है. बिड़ला ने सोमवार को कहा कि जब हम दूरसंचार उद्योग की वृद्धि के समर्थन को प्रतिबद्ध हैं, तो हमें अनुकूल नियामकीय वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि जरूरी निवेश किया जा सके.

उन्होंने कहा कि भारत में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं का आकार 60 करोड़ है. यह चीन के बाद सबसे ज्यादा है. बिड़ला ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और रोबोटिक्स डिजिटल वृद्धि को आगे बढ़ायेंगे. बिड़ला ने कहा कि डिजिटल इंडिया 2.0 का उद्देश्य न्यू इंडिया का निर्माण करना और 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करना है.

भारत में 5जी उपकरण बनाने के लिए तैयार एरिक्सन

इन सबसे इतर, स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन ने सोमवार को घोषणा की है कि भारत में 5जी सेवा के चालू होते ही वह देश में इसके लिए उपकरण बनाना शुरू कर देगी. एरिक्सन के प्रमुख (दक्षिण पूर्व एशिया, ओशिआनिया और भारत) नुनजिओ मिरतिलो ने कहा कि इस साल हम यह कह सकते हैं कि एक बार देश में 5जी शुरू हो जायेगा, तो हम अपने उत्पादन को 4 जी से 5 जी में बदलने के लिए तैयार हैं. हम भारत के लिए, भारत में 5जी उपकरणों का उत्पादन करेंगे. कंपनी ने कहा कि भारत में उसका कारखाना है, जहां 4जी नेटवर्क उपकरण बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रोत्साहित करने वाली नीति, उन्नत पारिस्थितिकी तंत्र और किफायती स्पेक्ट्रम कंपनियों को जल्द से जल्द 5जी सेवा शुरू करने में मदद करेंगे.

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