भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijeet Banerjee) को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है. उनके अलावा, दो और लोगों- एस्थर डुफलो (Esther Duflo) और माइकेल क्रेमर (Michael Cramer) को भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है.
वैश्विक गरीबी और भुखमरी को दूर करने में किये गए योगदान के लिए इन तीनों अर्थशास्त्रियों को सामूहिक रूप से ये पुरस्कार दिया गया है.
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The 2019 Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel has been awarded to Abhijit Banerjee, Esther Duflo and Michael Kremer “for their experimental approach to alleviating global poverty.”#NobelPrize pic.twitter.com/SuJfPoRe2N— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 14, 2019
स्वीडिश अकादमी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि अपने प्रयोगात्मक दृष्टिकोण से इन्होंने वैश्विक गरीबी को कम करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
आपको बता दें कि फ्रेंच-अमेरिकी अर्थशास्त्री एस्थर डुफलो अभिजीत बनर्जी की पत्नी हैं. 21 फरवरी 1961 को जन्मे अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता के प्रेजीडेंसी कॉलेज और उसके बाद दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण की है.
इस तरह अभिजीत बनर्जी अर्थशास्त्र का नोबेल पाने वाले दूसरे भारतीय इकोनॉमिस्ट बन गए हैं. इनसे पहले अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.
58 वर्षीय अभिजीत बनर्जी मूलत: कोलकाता के रहने वाले हैं. उनका जन्म भी कोलकाता में ही हुआ है. उनके माता-पिता दोनों अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं. अभिजीत बनर्जी वर्तमान में में एमआईटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं.
वहीं, एस्थर डुफलो अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पानेवाली दूसरी महिला अर्थशास्त्री हैं. साथ ही वे यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे युवा अर्थशास्त्री भी हैं.
अभिजीत बनर्जी ने एमआइटी की लेक्चरर डॉक्टर अरुंधति तुली बनर्जी से विवाह किया था, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया. इसके बाद अभिजीत ने साल 2015 में अर्थशास्त्री एस्थर डफलो के साथ विवाह किया.
अभिजीत के साथ एस्थर को भी संयुक्त रूप से इस बार अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है.
अभिजीत बनर्जी ब्यूरो फॉर द रिसर्च इन इकनॉमिक एनालिसिस ऑफ डेवलेपमेंट के पूर्व अध्यक्ष, अमेरिकी अकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज और द इकोनॉमेट्रिक सोसाइटी के रिसर्च एसोसिएट रह चुके हैं.
इसके अलावा वह काइल इंस्टीट्यूट के इंटरनेशनल, गुगेनहियम और अल्फ्रेड पी सोलान के फेलो भी रह चुके हैं. वह इंफोसिस प्राइज के विजेता भी हैं.
अभिजीत बनर्जी ढेर सारे लेख और ‘पुअर इकोनॉमिक्स’ समेत चार किताबों के लेखक हैं. उनकी किताब ‘पुअर इकोनॉमिक्स’ को गोल्डमैन सैश बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का खिताब मिल चुका है.
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