10 फीसदी ज्वेलर्स के पास ही हॉलमार्क का लाइसेंस, धनतेरस पर गहने खरीदते वक्त रहें सावधान

सुबोध कुमार नंदन पटना : धनतेरस पर बहुमूल्य धातु खरीदने का प्रचलन रहा है. यही कारण है कि धनतेरस के पूर्व ही लोग सोने, चांदी और डायमंड के गहने खरीदते हैं. साथ ही लोग शादी-ब्याह के लिए भी गहने इसी मौके पर खरीदते हैं. लेकिन सोने के गहने लेना है, तो हॉलमार्किंग गहने ही खरीदने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2019 8:19 AM

सुबोध कुमार नंदन

पटना : धनतेरस पर बहुमूल्य धातु खरीदने का प्रचलन रहा है. यही कारण है कि धनतेरस के पूर्व ही लोग सोने, चांदी और डायमंड के गहने खरीदते हैं. साथ ही लोग शादी-ब्याह के लिए भी गहने इसी मौके पर खरीदते हैं.

लेकिन सोने के गहने लेना है, तो हॉलमार्किंग गहने ही खरीदने में आपकी भलाई है. सोने गहने के लिए 35 रुपये प्रति पीस (लॉट का कम-से-कम 200 रुपये) चार्ज लगता है. चांदी के गहने के लिए 25 रुपये प्रति पीस (लॉट का कम-से-कम 150 रुपये) चार्ज लगता है. हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायी जा रही धातु की गुणवत्ता की जांच करती है. अगर सोना-चांदी हॉलमार्क है, तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है.

लेकिन कई ज्वेलर्स बिना जांच प्रक्रिया पूरी किये ही हॉलमार्क लगा रहे हैं. ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क असली है या नहीं? वैसे सूबे में केवल 723 ज्वेलर्स हैं, जिन्होंने हॉलमार्क लाइसेंस लिया है. अगर पटना की बात करें, तो केवल 260 ज्वेलर्स के पास हॉलमार्क का लाइसेंस है, जबकि ज्वेलरों की संख्या 2500 से अधिक है.

24 कैरेट सोने के नहीं बनते गहने

असली सोना 24 कैरेट का ही होता है, लेकिन इसके गहने नहीं बनते, क्‍योंकि वह बेहद मुलायम होता है. आमतौर पर गहनों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी शुद्ध सोना होता है. कई बार ग्राहक जानकारी के अभाव में गलती से 22 कैरेट वाले सोने की ज्वेलरी के बदले 24 कैरेट के दाम दे आते हैं.

शुद्धता का प्रमाणपत्र लेना न भूलें

सोने के गहने खरीदते समय आप शुद्धता का प्रमाणपत्र लेना न भूलें. प्रमाणपत्र में साेने के कैरेट भी जरूर जांच लें. साथ ही सोने के गहने में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग प्रमाणपत्र अवश्य लें. बीआइएस के अनुसार गहने खरीदते समय कच्चा बिल लेने का चलन है. लेकिन यह अपने आपकाे धोखा देने से कम नहीं है. इसलिए पक्का बिल अवश्य लें. बिल में सोने का कैरेट, शुद्धता, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क का उल्लेख अवश्य हो, इस बात का ध्यान रखें.

हॉलमार्क गहने की होती हैं तीन श्रेणियां

हॉलमार्क आभूषण 14, 18 व 22 कैरेट में उपलब्ध हैं. बीआइएस की मुहर, कैरेट में शुद्धता और परिशुद्धता एसेइंग केंद्र की पहचान मुहर व ज्वेलर्स की पहचान मुहर अवश्य देखें. हॉलमार्क निशान के साथ ही लिखे नंबर से सोने की क्वालिटी भी जान सकते हैं. 750 नंबर लिखा है, तो मतलब सोना 18 कैरेट व 916 लिखा है, तो 22 कैरेट का है.

यहां करें शिकायत

भारतीय मानक ब्यूरो, पटना शाखा कार्यालय एवं प्रयोगशाला, पाटलिपुत्र औद्योगिक परिसर , पटना- 800001, इ-मेल – ptbo@bis.in, hptbo@bis.gov.in, फोन नंबर- 0612- 2262808, 2262305,2271625.

शिकायत के साथ बिल लगाएं

हॉलमार्क गहने पर शक हो, तो इसकी शिकायत भारतीय मानक ब्यूरो से करें. शिकायत पत्र के साथ बिल अवश्य लगाएं.

-एमके प्रमाणिक, वैज्ञानिक व प्रमुख, भारतीय मानक ब्यूरो

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version