Digital साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड ने डाक विभाग और IPPB के साथ किया करार
रांची : डिजिटल साक्षरता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड ने भारतीय डाक विभाग और भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) के साथ करार किया है. इसके तहत नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय झारखंड, भारत पोस्ट और भारत पोस्ट भुगतान बैंक (IPPB) ने झारखंड में वित्तीय समावेशन और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए […]
रांची : डिजिटल साक्षरता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड ने भारतीय डाक विभाग और भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) के साथ करार किया है. इसके तहत नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय झारखंड, भारत पोस्ट और भारत पोस्ट भुगतान बैंक (IPPB) ने झारखंड में वित्तीय समावेशन और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय समावेशन निधि (FIF) ने समझौते पर हस्ताक्षर किया. इससे उन लोगों को लाभ मिलेगा, जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से नहीं जुड़े हैं.
नाबार्ड के क्षेत्रीय महाप्रबंधक एके पाढी, झारखंड सर्किल के मुख्य पोस्ट मास्टर एसएस कुजूर, आईपीपीबी के मुख्य प्रबंधक अमित कुमार झा, नाबार्ड के महाप्रबंधक एनी अलेक्जेंडर, झारखंड सर्किल के डाक सेवाओं के निदेशक सत्यकाम, आईपीपीबी के मुख्य महाप्रबंधक व सीएसएमओ गुरुशरण राय बंसल, नाबार्ड के उप महाप्रबंधक एसआर पांडा और आईपीपीबी के सर्किल हेड अपूर्वा गुप्ता सर्कल की मौजूदगी में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये गये.
इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पाढी ने कहा कि नाबार्ड कृषि और ग्रामीण विकास के लिए एक शीर्ष संगठन है, जो बैंकिंग सेवाओं की मांग बढ़ाने के लिए बैंकों को जागरूकता बढ़ाने, डिजिटल वित्तीय शिक्षा, वित्तीय साक्षरता अवसंरचना, डिजिटल बैंकिंग के लिए निर्माण आधार, सीबीएस, इंटरफेस फॉर टेक्नोलॉजीज, भुगतान/ स्वीकृति इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि के लिए अनुदान सहायता प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में 22 विशेष फोकस जिलों और 2 अन्य जिलों में वित्तीय समावेशन पहल के लिए विभिन्न बैंकों को विभिन्न योजनाओं के तहत चालू वर्ष के दौरान नाबार्ड का लक्ष्य 8.31 करोड़ रुपये का समर्थन प्रदान करना है.
झारखंड की मुख्य पोस्ट मास्टर एसएस कुजूर ने इस अवसर पर एक विशेष पोस्टल कवर जारी करते हुए कहा कि आईपीपीबी ने भारत पोस्ट के साथ मिलकर 408 वित्तीय और डिजिटल साक्षरता जागरूकता शिविरों के आयोजन का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि आईपीपीबी की ओर से नाबार्ड के अनुदान से डाक सेवकों के माध्यम से बीओएस में 700 तकनीकी रूप से संचालित लेन-देन उपकरणों की तैनाती करना है. साप्ताहिक हाट, मंडियों और गांवों में डिजिटल लेन-देन सुविधा के निर्माण जैसी विशेष परियोजनाएं शुरू की जा सकती हैं.
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