नयी दिल्ली : केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को न तो बंद नहीं करेगी और न ही इनमें विनिवेश किया जायेगा, बल्कि इन दोनों कंपनियों का आपस विलय कर दिया जायेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके पुनरुद्धार की योजना को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि इन दोनों दूरसंचार कंपनियों को न तो बंद किया जायेगा, न इसमें विनिवेश किया जायेगा और न ही इसको किसी तीसरे पक्ष को चलाने के लिए दिया जायेगा.
सरकार की पुनरुद्धार योजना के मुताबिक, एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय किया जायेगा. बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए वीआरएस योजना लायी जायेगी. बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के सॉवरेन बॉन्ड लाये जायेंगे. 38 हजार करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची जायेंगी. विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की सब्सिडियरी रहेगी. साथ ही, बीएसएनएल-एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम दिये जाने पर भी सहमति जतायी गयी है.
दोनों कंपनियों की संपत्तियों को बेचने या फिर किराये पर देने के एक संयुक्त कमेटी बनाने को मंजूरी दे दी है. इस कमेटी में बीएसएनएल, दूरसंचार विभाग और विनिवेश विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. बीएसएनएल पर फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है और वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का नुकसान हुआ था. कंपनी में फिलहाल 1.76 लाख कर्मचारी काम करते हैं. वीआरएस देने से कर्मचारियों की संख्या अगले पांच सालों में 75 हजार रह जायेगी.
एमटीएनएल में फिलहाल 22 हजार कर्मचारी हैं और कंपनी की 19 हजार करोड़ रुपये की उधारी है. कंपनी अपनी 90 फीसदी आमदनी कर्मचारियों की सैलरी देने में खर्च करती है. अगले 6 साल में कंपनी के करीब 16 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जायेंगे.
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