सरकार ने मानी TRAI की बात, तो Railway को भी मिल सकता है पांच मेगाहर्ट्ज Spectrum

नयी दिल्ली : अगर सरकार ने ट्राई की बात मान ली, तो रेलवे को भी कम से कम पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मिल सकता है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) चाहता है कि रेलवे को खुद के इस्तेमाल के लिए प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम दिया जाए. नियामक ने सुझाव दिया है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 8:30 PM

नयी दिल्ली : अगर सरकार ने ट्राई की बात मान ली, तो रेलवे को भी कम से कम पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मिल सकता है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) चाहता है कि रेलवे को खुद के इस्तेमाल के लिए प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम दिया जाए. नियामक ने सुझाव दिया है कि रेलवे को यात्री सूचना डिस्प्ले प्रणाली और वीडियो निगरानी की लाइव फीड तथा अन्य जन सुरक्षा तथा सेवाओं की जरूरत को पूरा करने के लिए यह स्पेक्ट्रम दिया जाना चाहिए.

ट्राई ने इस मुद्दे पर अपनी ताजा सिफारिशों में कहा है कि रेलवे को खुद के इस्तेमाल के लिए प्रशासनिक आधार पर स्पेक्ट्रम दिया जा सकता है. रेलवे इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल यात्रा के दौरान वाईफाई की सुविधा जैसी वाणिज्यिक सेवाओं के लिए नहीं कर सकेगी. ट्राई ने सुझाव दिया है कि इस स्पेक्ट्रम का शुल्क दूरसंचार विभाग द्वारा रॉयल्टी शुल्क या खुद के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस शुल्क के लिए निश्चित फॉर्मूला के आधार पर किया जाना चाहिए.

नियामक ने कहा कि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में उपलब्ध 35 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम में पांच मेगाहर्ट्ज रेलवे को (मिशन क्रिटिकल पुश टु टॉक) एमसी पीटीटी यानी वॉयस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित निगरानी सेवाओं, यात्री सूचना प्रणाली और एक ही समय में कई कोच की वीडियो निगरानी की लाइव फीड जैसी सुविधाओं के लिए किया जा सकता है. ट्राई ने कहा कि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में शेष 30 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को आगामी नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाना चाहिए.

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