फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों ने अक्टूबर में 3,800 करोड़ रुपये का किया शुद्ध निवेश

नयी दिल्ली : भारतीय पूंजी बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर महीने में अब तक 3,800 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. सकारात्मक वैश्विक संकेत मिलने और घरेलू मांग बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा किये गये उपायों से विदेशी निवेशकों का भारतीय पूंजी बाजार की तरफ रुझान बढ़ा है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2019 5:49 PM

नयी दिल्ली : भारतीय पूंजी बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर महीने में अब तक 3,800 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. सकारात्मक वैश्विक संकेत मिलने और घरेलू मांग बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा किये गये उपायों से विदेशी निवेशकों का भारतीय पूंजी बाजार की तरफ रुझान बढ़ा है.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर महीने में सप्ताहांत तक इक्विटी में शुद्ध रूप से 3,769.56 करोड़ रुपये और ऋण पत्रों में 58.4 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसी प्रकार, विदेशी निवेशकों का कुल निवेश माह के पिछले सप्ताहांत तक 3,827.9 करोड़ रुपये रहा है.

यह लगातार दूसरा महीना है, जब विदेशी निवेशक बाजार में शुद्ध रूप से लिवाल बने हुए हैं. इससे पिछले महीने सितंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी और ऋण पत्र दोनों वर्गो में घरेलू पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 6,557.8 करोड़ रुपये का निवेश किया. सितंबर, 2019 से पहले जुलाई और अगस्त दोनों महीनों के दौरान घरेलू बाजारों से विदेशी निवेशकों ने पूंजी की निकासी की थी.

मोर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक एवं शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि जुलाई और अगस्त महीने के दौरान काफी नकारात्मक रुझान देखा गया. इस दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बाजार में जबरदस्त बिकवाली निकाली, लेकिन इसके बाद सितंबर और अक्टूबर में अब तक जो रुख देखा गया है, वह सकारात्मक रुझान की तरफ इशारा करता है.

श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों के पुनरुत्थान के लिए सरकार ने जो कदम उठाये हैं, अंतत: विदेशी निवेशकों के बीच उन्हें लेकर सकारात्मक रुख बना है. इसके साथ ही, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में सकारात्मक पहल होने से भी विदेशी निवेशकों के बीच जोखिम उठाने का साहस बढ़ा है. इससे भारत सहित दुनिया के उभरते बाजारों में विदेशी निवेश प्रवाह बढ़ने में मदद मिलेगी.

बहरहाल, आने वाले दिनों में विदेशी पोटफोलियो निवेशकों का प्रवाह इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहता है और कंपनियों के तिमाही परिणाम कैसे आते हैं. इसके अलावा, अमेरिका के फेडरल रिजर्व का मौद्रिक रुख और वैश्विक तरलता परिदृश्य विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते में होने वाली प्रगति से भी दुनिया के उभरते बाजारों की ओर निवेश प्रवाह में तेजी आने की संभावना है.

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