नयी दिल्ली : सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि व्हाट्सएप के साथ जून से अब तक उसके साथ कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन कंपनी ने एक बार भी पेगासस हैकिंग की जानकारी दी. सरकारी स्रोतों ने इस बात की जानकारी दी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त के साथ प्रश्न उठाया कि यह व्हाट्सएप संदेशों के स्रोत की जानकारी तथा जवाबदेही तय करने के लिए कोई कदम उठाने से सरकार को रोकने के लिए कंपनी की ओर से कोई अडंगा जैसी चाल तो नहीं है.
सरकार हैकिंग मामले के खुलासे के समय को लेकर भी सवाल कर रही है. यह इस कारण महत्वपूर्ण हो जाता है कि केंद्र सरकार ने देश में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के उपाय के लिए सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने का समय मांगा है. सूत्रों ने कहा कि सरकार दुर्भावनापूर्ण संदेशों की सामग्री की बजाय उसका स्रोत जानने पर जोर देगी. फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप के दुनिया भर में डेढ़ अरब से अधिक उपभोक्ता हैं. इसमें सिर्फ भारत से ही करीब 40 करोड़ शामिल हैं. व्हाट्सएप इससे पहले भी फर्जी खबरों के प्रसार को लेकर सरकार के निशाने पर रह चुकी है.
इस बीच व्हाट्सएप ने शुक्रवार को कहा कि उसने हैकिंग मामले में ठोस कदम उठाया है और वह सभी नागरिकों की निजता की सुरक्षा की जरूरत पर भारत सरकार का समर्थन करती है. व्हाट्सएप के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी भारतीय नागरिकों की निजता की सुरक्षा की जरूरत को लेकर भारत सरकार के कठोर बयान से सहमत हैं. इसी कारण हमने साइबर हैकरों की जवाबदेही तय करने के लिए ठोस कदम उठाये हैं और इसी कारण व्हाट्सएप अपनी सेवाओं के जरिये सभी उपभोक्ताओं के संदेशों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि, प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि व्हाट्सएप ने सरकार के स्पष्टीकरण का जवाब दिया है या नहीं.
व्हाट्सएप ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की वैश्विक स्तर पर जासूसी किये जाने का गुरुवार को खुलासा किया था. उसने बताया था कि कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी के शिकार हुए हैं. सरकार ने इसके बाद कड़ा रुख अख्तियार करते हुए व्हाट्सएप से मामले का स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. सरकार ने यह भी पूछा कि व्हाट्सएप ने लोगों की निजता की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किये हैं? सूत्रों के अनुसार, कंपनी को चार नवंबर तक जवाब देने को कहा गया है.
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