पीएम मोदी ने कहा, लुभावनी रियायतों से नहीं, बेहतर कारोबार सुगमता से आकर्षित होते हैं निवेशक

धर्मशाला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उद्योगपतियों के लिए मुफ्त बिजली, सस्ती जमीन या कर छूट जैसी एक से बढ़कर एक लुभावनी रियायतें देने की बजाय राज्यों को पारदर्शी कारोबारी माहौल के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, जहां उद्योगपति आसानी से कारोबार कर सकें. मोदी ने यहां दो दिन चलने वाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2019 10:13 PM

धर्मशाला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उद्योगपतियों के लिए मुफ्त बिजली, सस्ती जमीन या कर छूट जैसी एक से बढ़कर एक लुभावनी रियायतें देने की बजाय राज्यों को पारदर्शी कारोबारी माहौल के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, जहां उद्योगपति आसानी से कारोबार कर सकें. मोदी ने यहां दो दिन चलने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘राइजिंग हिमाचल ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट’ का उद्घाटन करते हुए राज्यों में निवेश आकर्षित करने के वास्ते बेहतर कारोबारी माहौल उपलब्ध कराने पर जोर.

उन्होंने कहा कि उद्योगों को एक से बढ़कर एक रियायतों की पेशकश करने की बजाय राज्यों को कारोबार सुगमता में प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 तक भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करने में हर राज्य और हर जिले की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने कहा कि उद्योग पारदर्शी और साफ-सुथरी प्रणाली चाहता है. अवांछित नियम और सरकार की ओर से अनुचित हस्तक्षेप कई बार औद्योगिक वृद्धि के रास्ते में अड़चन पैदा करता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले राज्य निवेश आकर्षित करने के लिए एक से बढ़कर एक ‘खैरात’ की पेशकश करते थे. एक राज्य कर माफ करता था, तो दूसरा मुफ्त बिजली देता था. उन्होंने कहा कि निवेशक भी अन्य राज्यों से अधिक बेहतर प्रोत्साहनों की उम्मीद में निवेश के अपने फैसलों में देरी करते थे. प्रधानमंत्री ने अपने 30 मिनट के संबोधन में कहा कि लेकिन अब मैं संतुष्ट हूं कि स्थिति में पिछले कुछ साल के दौरान काफी बदलाव आया है. अब राज्य सरकारों को समझ आना शुरू हो गया है कि प्रोत्साहनों पर प्रतिस्पर्धा से न तो राज्यों और न ही उद्योगपतियों का भला होगा.

मोदी ने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए उचित पारिस्थतिकी तंत्र स्थापित करने, इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने और परमिट प्रणाली को हटाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकारें इस तरह का पारिस्थतिकी तंत्र स्थापित करने की प्रतिस्पर्धा के लिए आगे आ रही हैं. वे प्रणाली को सुगम बना रही हैं, कानून में संशोधन कर रही हैं. अनावश्यक कानूनों को हटाया जा रहा है.

देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के हर राज्य और हर जिले में काफी क्षमता है और सभी मिलकर देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभायेंगे. प्रधानमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल में पर्यटन, फार्मा और अन्य क्षेत्रों में निवेश की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने एकल खिड़की प्रणाली और जमीन आवंटन में पारदर्शिता तथा क्षेत्र विशेष उद्योग नीतियों के लिए हिमाचल प्रदेश की सराहना की.

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमंग, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और अनुराग ठाकुर और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार समारोह में उपस्थित थे. अधिकारियों ने दावा किया कि निवेशक सम्मेलन के लिए किये गये कार्यक्रमों से लेकर अब तक कंपनियों ने कुल 92,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता जतायी है. यह 85,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक है.

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