मुंबई : बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख अजय त्यागी ने शुक्रवार को कहा कि इन्फोसिस मामले की जांच चल रही है. उन्होंने कंपनी के चेयरमैन नंदन नीलेकणी द्वारा कंपनी के आंकड़ों को लेकर की गयी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर एक तरह से तंज कसते हुए कहा कि यह भगवान से या उनसे (नीलेकणी) पूछा जाना चाहिए.
नीलेकणी ने इन्फोसिस को लेकर चल रहे विवादों पर बुधवार को कहा था कि कंपनी नैतिकता के श्रेष्ठ मानकों के आधार पर परिचालन करती है और उसके कामकाज के तौर तरीके इतने मजबूत हैं कि भगवान भी कंपनी के प्रदर्शन आंकड़ों को नहीं बदल सकते हैं. इन्फोसिस के ऊपर एक व्हिसलब्लोअर निवेशक ने कंपनी के कामकाज और लेखा रखे जाने के मामले में खामियां बरते जाने का आरोप लगाया है. इसकी वजह से कंपनी विवादों में घिर गयी.
त्यागी ने सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से इतर कहा कि सेबी इस मामले की जांच कर रहा है और वह अभी आरोप के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि निवेशकों को खुद ही अपने निष्कर्ष निकालने चाहिए. हमें जो कुछ करना है, हम कर रहे हैं. जो भी नतीजा निकलेगा, आप उससे अवगत हो जायेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिकी नियामक एसईसी के साथ किसी तरह की सूचनाएं साझा की गयी हैं? त्यागी ने इसे दो नियामकों के बीच का गोपनीय मामला बताते हुए टिप्पणी करने से मना कर दिया.
उन्होंने बाजार में इश्यू का प्रवाह बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया तथा कहा कि सार्वजनिक निकायों द्वारा न्यूनतम शेयर हिस्सेदारी के प्रावधान के अनुपालन की दिशा में आगे बढ़ने से इस मामले में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 91 सूचीबद्ध निकायों में से 45 निकाय बाजार में 25 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी के नियम पर खरा नहीं उतरते हैं.
त्यागी ने कहा कि ऐसी कंपनियों को वास्तव में आगे आने की तथा बाजार में उपस्थिति बढ़ाने की जरूरत है. यह ऐसा है, जो किया जा सकता है और मुझे लगता है कि ऐसा किया जाना चाहिए. हमने यह सरकार को भी बता दिया है. उन्होंने कहा कि कई कंपनियां सेबी से मंजूरी मिल जाने के बाद भी सूचीबद्ध होने के लिए सामने नहीं आ रही हैं.
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