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कोर्ट ने सुनाया फैसला, जारी रहेगा ई रिक्शा पर रोक

नयी दिल्ली : दिल्ली हाइकोर्ट राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर ई-रिक्शा के परिचालन पर रोक को जारी रखा है. कोर्ट ने कहा है कि ई रिक्शा पर रोक जारी रहेगी. दो जजों की बेंच ने सरकार की दलील सुनते हुए कहा कि रोजगार का संकट है और यात्रियों को इससे राहत मिलेगी. कोर्ट ने स्पष्ट […]

नयी दिल्ली : दिल्ली हाइकोर्ट राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर ई-रिक्शा के परिचालन पर रोक को जारी रखा है. कोर्ट ने कहा है कि ई रिक्शा पर रोक जारी रहेगी. दो जजों की बेंच ने सरकार की दलील सुनते हुए कहा कि रोजगार का संकट है और यात्रियों को इससे राहत मिलेगी. कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जबतक इसपर कोई ठोस नियम नहीं बनाता है तबतक प्रतिबंध जारी रहेगा. सरकारी वकील पिंकी आनंद ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हमने अपनी बात रखी है इस मामले पर शुक्रवार को एक बार फिर सुनवायी होगी

. हालांकि कोर्ट ने अभी तक दिल्ली में ई रिक्शा के परिचालन की इजाजत नहीं दी है. हमें उम्मीद है कि सरकार द्वारा ठोस नियम बनाने के बाद इस अनुमिति मिलेगी. जस्टिस बीडी अहमद, जस्टिस एस मृदुल की पीठ के समक्ष बैटरी रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से वकील आरके कपूर ने इस याचिका का उल्लेख किया. कोर्ट ने हुए कहा कि ई-रिक्शा के परिचालन को नियंत्रित करने की जरूरत है.

अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि ई-रिक्शा के के परिचालन को नियंत्रित करने की जरुरत है.पीठ ने पूछा,आप यातायात नियमों के बारे में भली-भांति जानते हैं. जब तक ई-रिक्शों का नियमन नहीं किया जाता, तब तक इन्हें अनुमति कैसे दी जा सकती है.

कपूर ने इस मामले में तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक मोटर से चलने वाले तिपहिया वाहनों ई रिक्शों एवं ई कार्ट के नियमन के संबंध में सडक यातायात एवं राजमार्ग मंत्रलय द्वारा सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को परामर्श जारी किया गया है.उन्होंने यह भी दावा किया कि यह परामर्श अदालत के संज्ञान में नहीं लाया गया है.

समीक्षा याचिका में यह भी दावा किया गया कि लाखों लोगों के परिवार अपनी आजीविका के लिए ई-रिक्शों पर निर्भर हैं और यही न्याय के हित में है कि अदालत 31 जुलाई को दिए आदेश की समीक्षा कर बदलाव करे. राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर इस समय बैटरी चालित लगभग 70 हजार ई-रिक्शा चल रहे हैं.

एसोसिएशन ने अपनी अपील में कहा कि चूंकि मंत्रालय ने मोटर वाहन कानून और उसके तहत बनाए गए नियमों को संशोधित करने का प्रस्ताव रखा है और ई रिक्शा आदि के नियमन के लिए एक परामर्श भी जारी किया गया है.

ऐसी स्थिति में इस दौरान उन्हें दिल्ली यातायात पुलिस या स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी नियमों के अनुरुप ई रिक्शा के परिचालन की अनुमति दी जा सकती है.

इस याचिका में अधिकारियों को मंत्रालय के उस परामर्श पर काम करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है जिसमें विशेष तौर पर यात्रियों को उनकी इच्छित जगह के नजदीक से नजदीक उतारने और साइकिल वाले रिक्शा-गाडियों के चालकों को इलेक्ट्रिक मोटर वाले तिपहिया रिक्शा और गाडियां दिलवाकर रोजगार देने का फैसला किया गया था.

उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में ई-रिक्शों के परिचालन पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि ये दिल्ली की सडकों पर अवैध रुप से चल रहे हैं और प्रथम दृष्ट्या ये अन्य यातायात और नागरिकों के लिए खतरा हैं

गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से ई-रिक्शा का परिचालन बंद करवा दिया था. राजधानी दिल्ली में एक छह माह का बच्चा ई-रिक्शा के धक्के से मां की गोद से छिटक कर गरम तेल की कड़ाही में जा गिरा था. जिसके बाद कोर्ट ने ई-रिक्शा का परिचालन तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया था, क्योंकि इसके लिए किसी तरह के लाइसेंस की भी जरूरत नहीं पड़ती है.

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