वित्तीय घाटे को 4.1 फीसदी लक्ष्य के दायरे में रखना कठिन काम: अरविंद मायाराम
नयी दिल्ली : वित्तीय घाटे को 4.1 फीसद लक्ष्य के दायरे में रखने को ‘कठिन कार्य’ मानते हुये वित्त सचिव अरविन्द मायाराम ने आज विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत हैं, इससे राजस्व प्राप्ति बढेगी और सरकार वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. मायाराम ने एक समारोह में संवाददाताओं से […]
नयी दिल्ली : वित्तीय घाटे को 4.1 फीसद लक्ष्य के दायरे में रखने को ‘कठिन कार्य’ मानते हुये वित्त सचिव अरविन्द मायाराम ने आज विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत हैं, इससे राजस्व प्राप्ति बढेगी और सरकार वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी.
मायाराम ने एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, ‘हम वित्तीय घाटे को 4.1 प्रतिशत पर सीमित रखेंगे. हालांकि यह एक ‘कठिन काम’ है. लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं. सरकार ने कई ठोस निर्णय किये हैं. बजट अच्छा है. इससे राजस्व वसूली बढेगी.’ वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही वित्तीय घाटा पूरे वर्ष के अनुमान के 56 प्रतिशत तक पहुंच जाने के बारे में पूछे जाने पर मायाराम ने कहा, ‘कुछ महीने होते हैं जब सरकारी खर्च उंचा रहता है, उन महीनों में जरुरी नहीं कि राजस्व वसूली भी उंची रहे. जैसा कि आपको पता है कि करों की वसूली निश्चित समयावधि में की जाती है. इसलिये कर प्राप्ति सितंबर में आ सकती है और खर्च मई में हो सकता है.’
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट भाषण में कई उपायों की घोषणा की है. व्यक्तिगत आयकर की दरों में छूट सीमा बढाई गई है, आवास क्षेत्र में रियायत दी गई है जबकि आटोमोबाइल और दूसरे क्षेत्रों को अप्रत्यक्ष करो में छूट दी गई है ताकि औद्योगिक उत्पादन को बढावा दिया जा सके. पिछले दो वर्षों के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत से कम रहने के बाद चालू वित्त वर्ष में इसके 5.4 से 5.9 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान लगाया गया है.
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