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डिफाल्‍टर विनिमय: जल्‍द होगा फैसला,सेबी कर रहा रिजर्व बैंक से बातचीत

मुंबई: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को कहा कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनियों के खिलाफ कदम उठाने के मामले में वह रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श कर रहा है और जल्द ही इससे जुडे नियमन को अंतिम रुप दे देगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अध्यक्ष यू.के. सिन्हा ने एक […]

मुंबई: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को कहा कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनियों के खिलाफ कदम उठाने के मामले में वह रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श कर रहा है और जल्द ही इससे जुडे नियमन को अंतिम रुप दे देगा.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अध्यक्ष यू.के. सिन्हा ने एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, ‘जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफाल्टर के नियमन को लेकर हम रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं.’ समझा जाता है कि रिजर्व बैंक ऐसी डिफाल्टर कंपनियों को पूंजी बाजार से धन जुटाने पर रोक के पक्ष में है.

रिजर्व बैंक इस तरह की गतिविधियों के बारे में पूंजी बाजार नियामक के साथ तात्कालिक आधार पर आंकडों की जानकारी साझा करने के तौर तरीकों को तलाश रहा है. यहां यह नोट करने की बात है कि हाल के दौर में कर्ज की किश्तें चुकाने में चूक की समस्या बढी है. हालांकि, इस तरह के कई मामले अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से भी हैं लेकिन ऐसे भी मामले हैं जिनमें कंपनी के प्रवर्तकों ने जानबूझकर बैंकों का कर्ज चुकता करना रोक रखा है.

कुछ बैंक उद्योगपति विजय माल्या को ‘जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने’ वाला प्रवर्तक घोषित करने पर विचार कर रहे हैं. विजय माल्या किंगफिशर एयरलाइंस के प्रवर्तक रहे हैं. किंगफिशर एयरलाइंस को बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज आज सबसे बडी गैर-निष्पादित राशि यानी एनपीए साबित हुआ है.

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