नयी दिल्ली : भारत के तीन शहरों बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली को वैश्विक समृद्धि सूचकांक में स्थान मिला है. समावेशी समृद्धि के लिहाज से दुनिया के 113 शहरों को रैंकिंग दी गयी है. हालांकि, तीनों भारतीय शहर इस सूची में निचले स्थानों पर है. इस सूची में समावेशी समृद्धि का आकलन केवल आर्थिक वृद्धि के आधार पर नहीं, बल्कि आबादी में उसके वितरण के आधार पर भी किया गया है.
बास्क इंस्टिट्यूशंस की ओर से डीएंडएल पार्टनर्स ने ‘प्रॉस्पैरिटी एंड इन्क्लूजन सिटी सील एंड अवार्ड्स’ (पीआईसीएसए) इंडेक्स तैयार किया है. इस सूचकांक में बेंगलुरु 83वें, दिल्ली 101वें और मुंबई 107वें स्थान पर हैं. सूची में पहले स्थान पर ज्यूरिख है. उसके बाद क्रमश: वियेना और कोपनहेगन दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. समावेशी समृद्धि के लिहाज से टॉप 10 शहरों में लक्जमबर्ग चौथे, हेलसिंकी पांचवें, ताइपे छठे, ओस्लो सातवें, ओटावा आठवें, कील नौवें और जिनेवा 10वें स्थान पर हैं.
इस अध्ययन में कहा गया है कि समृद्धि के परंपरागत उपायों को आर्थिक सफलता का आकलन करने का सही मानक नहीं माना जा सकता. यही वजह है कि दुनिया के शीर्ष सबसे धनी शहरों का समावेशी समृद्धि में अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है. अमीर शहरों में लंदन सूची में 33वें और न्यूयॉर्क सिटी 38वें स्थान पर हैं. फोर्ब्स की 2019 की सूची के अनुसार, मुंबई भी दुनिया के 10 सबसे अमीर शहरों में आता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका के कई शहर इस सूचकांक में निचले स्थानों पर हैं. इससे पता चलता है कि इन शहरों के सामने गरीबी और असमानता की बड़ी चुनौतियां हैं.
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