कोकिंग कोयले की आपूर्ति के लिए रूस से बातचीत कर रहा भारत

नयी दिल्ली : भारत कोकिंग कोयले की आपूर्ति के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है. यह ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा जैसे कुछ निर्यातक देशों पर निर्भरता को कम करने की कोशिश का हिस्सा है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में मंगलवार को यहां एक बैठक भी आयोजित की गयी, जिसमें इस्पात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2019 10:38 PM

नयी दिल्ली : भारत कोकिंग कोयले की आपूर्ति के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है. यह ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा जैसे कुछ निर्यातक देशों पर निर्भरता को कम करने की कोशिश का हिस्सा है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में मंगलवार को यहां एक बैठक भी आयोजित की गयी, जिसमें इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत घरेलू इस्पात एवं खनन उद्योग के सदस्यों ने रूसी अधिकारियों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की.

अगस्त में प्रधान की रूस यात्रा के एक महीने बाद यह बैठक आयोजित की गयी है. इस समय प्रधान और शीर्ष भारतीय इस्पात कंपनियों के प्रतिनिधियों ने रूस की इस्पात कंपनियों और कोकिंग कोयला आपूर्तिकर्ताओं से मुलाकात की थी. कोकिंग कोयला इस्पात निर्माण में उपयोग होने वाला प्रमुख कच्चा माल है.

बैठक के दौरान इस्पात मंत्री प्रधान ने रूसी प्रतिनिधिमंडल को भारतीय इस्पात क्षेत्र के अवसरों के बारे में बताया. बैठक में अडाणी समूह, हिंडाल्को, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, टाटा पावर, सेल और कोल इंडिया समेत अन्य कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए. भारत पांच करोड़ टन से ज्यादा कोकिंग कोयले का आयात करता है.

केंद्रीय मंत्री ने रूसी प्रतिनिधिमंडल को बताया कि यदि भारत को लॉजिस्टिक्स लागत समेत प्रतिस्पर्धी दरों पर अच्छा कोकिंग कोयला मिलता है, तो वह कच्चे माल के स्रोत में विविधता ला सकता है. प्रधान ने प्रतिनिधिमंडल को सुदूर पूर्व रूस के लिए अंतर्देशीय एवं बंदरगाह लॉजिस्टिक्स विकसित करने के लिए निवेश करने को कहा है. इससे परिवहन और लॉजिस्टिक्स की लागत में काफी कमी आयेगी.

इस बीच, इस्पात मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा कि प्रधान ने सुदूर पूर्व रूस निवेश एवं निर्यात एजेंसी के सीईओ लियोनिद पेटुकोव समेत रूसी प्रतिनिधियों से मंगलवार मुलाकात की. इसमें कहा गया है कि यह बातचीत सुदूर पूर्व रूस के साथ आर्थिक जुड़ाव को और विकसित करने खासकर कोकिंग कोयले की आपूर्ति, बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे के विकास और बंदरगाहों की रूसी खदानों से कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर केंद्रित रही.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version