वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, निवेश को आकर्षित करने की खातिर और सुधार को सरकार है तैयार
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार भारत को निवेश का और अधिक आकर्षक स्थान बनाने के लिए नीतियों-कार्यक्रमों में आगे और भी सुधार करने को तैयार है. वैश्विक कंपनियों को निवेश के आमंत्रित करते हुए उन्होंने यह बात कही. उन्होंने भारत-स्वीडन व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि सरकार […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार भारत को निवेश का और अधिक आकर्षक स्थान बनाने के लिए नीतियों-कार्यक्रमों में आगे और भी सुधार करने को तैयार है. वैश्विक कंपनियों को निवेश के आमंत्रित करते हुए उन्होंने यह बात कही. उन्होंने भारत-स्वीडन व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि सरकार ने कंपनी कर में कटौती समेत आर्थिक सुधारों की दिशा में विभिन्न कदम उठाये हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि मैं तो केवल आप को आमंत्रित ही कर सकती हूं और आश्वासन दे सकती हूं कि भारत आगे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में और भी सुधार करने को प्रतिबद्ध है. इसमें बैंकिंग क्षेत्र हो सकता है, बीमा और खनन क्षेत्र हो सकता है और ऐसे अनेक दूसरे क्षेत्र भी हो सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार न केवल भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों बल्कि यहां काम कर रहीं दूसरे देशों की कंपनियों की चुनौतियों का भी समाधान कर रही हैं.
सीतारमण ने कहा कि बजट के बाद से मैंने उद्योग के साथ निरंतर बातचीत सुनिश्चित की है, ताकि उनकी चुनौतियों को समझा जा सके. यही कारण है कि बजट के बाद बिना अगले बजट का इंतजार किये हमने कंपनी कर में कटौती जैसे संरचनात्मक सुधार किये. उन्होंने कहा कि यह एक सुधार बताता है कि हमारी सरकार सुधारों में कितना भरोसा रखती है. आज मैं कह रही हूं कि हमें आगे और कई कदम उठाने हैं.
गौरतलब है कि सरकार ने सितंबर में कंपनी कर की दरों में 10 फीसदी तक की कटौती की. इसके माध्यम से उद्यमों को कुल 1.45 लाख करोड़ रुपये के बराबर की कर राहत का मकसद आर्थिक वृद्धि में तेजी लाना है. यह 28 साल में सबसे बड़ी कर कटौती है. इसके तहत मौजूदा कंपनियों के लिए कर की दर 30 फीसदी से घटकर 22 फीसदी पर आ गयी है. वहीं, एक अक्टूबर 2019 से प्रभाव में आने तथा 31 मार्च 2020 से पहले परिचालन शुरू करने वाले नये विनिर्माण संयंत्रों के लिए यह 25 फीसदी से 15 फीसदी पर आ गयी है.
उन्होंने स्वीडन की कंपनियों को बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में निवेश का न्यौता दिया. भारत की अगले पांच साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में करीब 100 लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना है. विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में काफी संभावना है. यहां कानून का शासन है. यहां न केवल बड़ा बाजार है, बल्कि आगे बढ़ने की आंकाक्षा रखने वाला बड़ा मध्यम वर्ग है, जिसके पास अच्छी खरीद शक्ति है.
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