अक्टूबर-नवंबर के दौरान सरकारी बैंकों ने बांटे रिकॉर्ड 4.9 लाख करोड़ रुपये के लोन
नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने त्योहारों के दौरान ग्राहक पहुंच कार्यक्रम के तहत अक्टूबर-नवंबर में रिकॉर्ड 4.91 लाख करोड़ रुपये कर्ज वितरित किया. खपत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के इरादे से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर महीने में बैंकों से गाहकों […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने त्योहारों के दौरान ग्राहक पहुंच कार्यक्रम के तहत अक्टूबर-नवंबर में रिकॉर्ड 4.91 लाख करोड़ रुपये कर्ज वितरित किया. खपत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के इरादे से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर महीने में बैंकों से गाहकों तक पहुंचने और जरूरी मानकों का पालन करते हुए जरूरतमंदों को कर्ज देने को कहा था.
वित्त मंत्री के निर्देश पर बैंकों की ग्राहक पहुंच कार्यक्रम यानी कर्ज मेला देशभर के 374 जिलों में आयोजित किये गये. इसमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), खुदरा तथा कृषि क्षेत्र के कर्जदारों पर विशेष जोर दिया गया. अक्टूबर के दौरान बैंकों ने 2.52 लाख करोड़ रुपये जबकि नवंबर में 2.39 लाख करोड़ रुपये कर्ज के रूप में दिये गये.
मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस प्रकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने दो महीने (अक्टूबर और नवंबर) में 4.91 लाख करोड़ रुपये वितरित किये. दो महीने में बैंकों ने एमएसएमई क्षेत्र को 72,985 करोड़ रुपये जबकि कंपनियों को 2.2 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिया. वहीं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को नवंबर में 25,525 करोड़ रुपये दिये गये, जो अक्टूबर में 19,628 करोड़ रुपये रहा था. इस प्रकार, एनबीएफसी को कुल 45,153 करोड़ रुपये कर्ज दिये गये.
मंत्रालय के अनुसार, सितंबर, 2018 में आईएल एंड एफएस के भुगतान संकट के बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा एनबीफएसी को प्रत्यक्ष रूप से तथा संपत्ति खरीद के माध्यम से नवंबर 2019 तक कुल 4.23 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है. इस राशि में से 1.24 लाख करोड़ रुपये मूल्य की बेहतर गुणवत्ता वाले कर्ज की खरीद की गयी.
वित्त मंत्री ने कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2019 से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बैंक न केवल महानगरों में ही नहीं बल्कि 400 जिलों में जाएं और नकदी समस्या दूर करने के लिये ग्राहकों तक पहुंचे.
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