आरबीआई ने कर्ज नीति की समीक्षा की, ब्याज दरों में बदलाव नहीं
नयी दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति के द्विमासिक समीक्षा आज जारी कर दी है. इस समीक्षा में ब्याज दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. ईएमआई घटने की भी कोई उम्मीद नहीं है. रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरें अपरिवर्तित रखी है इसमे किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया […]
नयी दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति के द्विमासिक समीक्षा आज जारी कर दी है. इस समीक्षा में ब्याज दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. ईएमआई घटने की भी कोई उम्मीद नहीं है. रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरें अपरिवर्तित रखी है इसमे किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) 0.5 फीसद घटाकर 22 प्रतिशत किया. आरबीआई ने मुद्रास्फीति को जनवरी 2015 तक 8 प्रतिशत और जनवरी 2016 तक 6 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य रखा.
आरबीआई ने अनुमान जताया कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत या इससे आधा प्रतिशत उपर नीचे रहेगी. इसके अलावा सरकार की खाद्य प्रबंधन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी पहलों से आपूर्ति में सुधार होना चाहिए. आरबीआई ने मानसून को अभी भी चिंता का विषय बताया है. मुद्रास्फीति प्रबंधन के लिए जोखिम है आरबीआई बैंकिंग क्षेत्र में सुधार का एजेंडा आगे बढाएगा.समीक्षा उस वक्त की गयी है जब मानसून के कमजोर बारिश से खाद्य मुद्रास्फीति और बढ़ेगी.
इस वक्त खाद्य मुद्रास्फीति 8% से ऊपर बनी हुई है जिसका बहुत असर रिजर्व बैंक की नीति पर रहेगा. केंद्रीय बैंक कहता रहा है कि मुद्रास्फीति पर काबू पाना उसकी प्रमुख प्राथमिकता है.खाद्य वस्तुओं के दाम अभी भी सामान्य से ऊपर बने हुए है. मानसून की बारिश सामान्य से कमजोर होने से आशंका है कि कीमत विशेषकर खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है. जुलाई के आखिर तक मानसून बारिश सामान्य से 23% कम रही है.
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