नयी दिल्ली : प्याज की कीमतें लगातार दूसरे सप्ताह ऊंचाई पर बनी हुई हैं. मंगलवार को ज्यादातर जगहों पर भाव औसतन 100 रुपये किलो से ऊपर चल रहे थे. ऐसा लगता है कि सरकार कीमत को काबू में लाने के लिए जो प्रयास कर रही है, उसके नतीजे आने में अपेक्षा के मुकाबले अधिक समय लग सकता है. आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, पणजी में प्याज का भाव सर्वाधिक 165 रुपये किलो रहा. वहीं, देश के 114 बड़े शहरों में औसत कीमत 100 रुपये किलो से ऊपर रही. प्याज के दाम में सितंबर से तेजी आनी शुरू हुई और 25 नवंबर से औसतन 100 रुपये किलो से ऊपर बनी हुई है.
आंकड़े के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में प्याज का भाव 96 रुपये किलो, मुंबई में 102 रुपये किलो, चेन्नई में 100 रुपये और कोलकाता में 140 रुपये किलो पर पहुंच गया. तिरुअनंतपुरम, कोझिकोड में प्याज की कीमत 160 रुपये किलो, जबकि तिरुपति, एर्नाकुलम और पल्लकड जैसे शहरों में 150 रुपये किलो पहुंच गयी. आंकड़े के अनुसार, बेंगलुरु, वायनाड, रामनाथपुरम और पोर्ट ब्लेयर में प्याज का भाव 140 रुपये किलो है.
वहीं, गुड़गांव, जगदलपुर, बहरामपुर, पुरुलिया, मालदा, इटानगर, अगरतला और पुडुचेरी में प्याज का भाव 120 रुपये किलो पर पहुंच गया है. अमृतसर, सूरत, जबलपुर, दरभंगा, संभलपुर, बालेश्वर और गंगटोक में इस सब्जी की कीमत 110 रुपये किलो पर पहुंच गयी है. पिछले महीने केंद्रीय खाद एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने कीमत में वृद्धि के लिए खरीफ और देर से बोई जाने वाली खरीफ फसल के उत्पादन में 26 फीसदी की गिरावट को जिम्मेदार ठहराया था. इसकी वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में अत्यधिक बारिश थी.
मंत्री ने यह बार-बार कहा है कि कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव कदम उठाये जायेंगे. इसमें 1.2 लाख टन के आयात की अनुमति तथा निर्यात पर पाबंदी शामिल हैं. सरकार ने खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए भंडार सीमा भी तय की है. सोमवार को इस सीमा में और कटौती की गयी तथा खुदरा कारोबारियों के लिए इसे 5 टन से घटाकर 2 टन कर दिया गया. विशेषज्ञों का अनुमान है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक प्याज के भाव ऊंचे रह सकते हैं. उस समय से नयी फसल की आवक होने लगेगी.
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