मुंबई : महाराष्ट्र सरकार संकट में फंसे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के जर्माकताओं की चिंताओं को एकाध दिन में भारतीय रिजर्व बैंक के समक्ष उठायेगी. महाराष्ट्र के राज्यमंत्री जयंत पाटिल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के 79वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से यह बात कही. पाटिल ने इससे पहले पीएमसी बैंक को महाराष्ट्र राज्य सहकारी (एमएससी) बैंक में मिलाने का सुझाव दिया था.
उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि इन दोनों बैंकों का विलय संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं एक-दो दिन में रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के साथ जमाकर्ताओं की चिंता को दूर करने पर बातचीत करूंगा. पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के साथ महाराष्ट्र सरकार की पूरी सहानुभूति है. पाटिल ने कहा, ‘मेरा मानना है कि पीएमसी बैंक के किसी अन्य अच्छे बैंक में विलय से जमाकर्ताओं की मदद की जा सकती है. हम इस मुद्दे पर रिजर्व बैंक से बात करेंगे.’
उन्होंने कहा कि उन्होंने एमएससी बैंक के चेयरमैन को पीएमसी बैंक के विलय का सुझाव दिया था. हालांकि, मुझे बताया गया कि यह विलय संभव नहीं है. डूबे कर्ज को छिपाने को लेकर पीएमसी बैंक को 23 सितंबर को छह महीने के लिए रिजर्व बैंक प्रशासक के तहत कर दिया गया. पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं की संख्या 16 लाख है.
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