नयी दिल्ली : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उसके इस नियम में कोई बदलाव नहीं आया है कि कम से कम 20 अथवा इससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान ही कर्मचारी भविष्य निधि योजना के दायरे में आयेंगे.
मंत्रालय ने मंगलवार को मीडिया की इस आशय की रपटों का खंडन किया है कि अब 10 अथवा उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान भी कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 (ईपीएफ एवं एमपी अधिनियम) के दायरे में आ गये हैं. श्रम मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, यह स्पष्ट किया जाता है कि ईपीएफ एवं एमपी अधिनियम के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. यही नहीं, इस तरह का कोई भी प्रस्ताव मौजूदा समय में मंत्रालय में विचाराधीन नहीं है.
मंत्रालय ने मीडिया की उन रपटों के जवाब में यह स्पष्टीकरण दिया है जिनमें कहा गया था कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना के नये नियम 01 जनवरी, 2020 से लागू माने जायेंगे और नये नियमों के तहत 10 अथवा उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान भी इस अधिनियम के दायरे में आ जायेंगे. मंत्रालय ने इस खबर का खंडन किया है.
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