बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में देरी से लागत में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि
नयी दिल्ली : बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली 388 परियोजनाओं के पूरा होने में देरी तथा अन्य कारणों से इनकी लागत में तय अनुमान से चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की […]
नयी दिल्ली : बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली 388 परियोजनाओं के पूरा होने में देरी तथा अन्य कारणों से इनकी लागत में तय अनुमान से चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की परियोजनाओं की निगरानी करता है. मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में लागत बढ़ने की जानकारी दी है.
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की 1,636 परियोजनाओं में से 563 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं, जबकि 388 परियोजनाओं की लागत बढ़ी है. उसने अक्टूबर, 2019 के लिए जारी हालिया रिपोर्ट में कहा कि इन 1,636 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 19,52,524.85 करोड़ रुपये थी, जिसके बढ़कर 23,53,108.80 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है. इससे पता चलता है कि इनकी लागत मूल लागत की तुलना में 20.52 फीसदी यानी 4,00,583.95 करोड़ रुपये बढ़ी है.
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त तक इन परियोजनाओं पर 10.32 लाख करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 43.86 फीसदी है. हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समय सीमा के हिसाब से देखें, तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 490 पर आ जायेंगी.
मंत्रालय ने कहा कि देरी से चल रही 563 परियोजनाओं में 185 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने की, 123 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 136 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की तथा 119 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं. इन परियोजनाओं की देरी का औसत 38.74 महीने है.
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