DoT ने जीएनवीएफसी को 15,000 करोड़ रुपये के बकाये का भेजा नोटिस

नयी दिल्ली : गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (जीएनवीएफसी) को 15,019 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान के लिए दूरसंचार विभाग का नोटिस मिला है. उससे 23 जनवरी, 2020 तक पैसा चुकाने को कहा गया है. यह बकाया वित्त वर्ष 2005-06 से 2018-19 के दौरान के लिए कंपनी के पास मौजूदा वीसैटऔर इंटरनेट सेवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2020 5:31 PM

नयी दिल्ली : गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (जीएनवीएफसी) को 15,019 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान के लिए दूरसंचार विभाग का नोटिस मिला है. उससे 23 जनवरी, 2020 तक पैसा चुकाने को कहा गया है. यह बकाया वित्त वर्ष 2005-06 से 2018-19 के दौरान के लिए कंपनी के पास मौजूदा वीसैटऔर इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) के लाइसेंस का है. इसमें ब्याज की राशि भी शामिल है.

जीएनवीएफसी ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी सलाह के बाद आगे की कार्रवाई करेगी. बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि हम अभी इस डिमांड नोटिस और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहे हैं. इस बारे में कानूनी विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है.

कानूनी सलाह के बाद कंपनी इस मुद्दे पर अपनी भविष्य की रणनीति तय करेगी. उर्वरक क्षेत्र की कंपनी ने सूचित किया है कि उसे दूरसंचार मंत्रालय के संचार लेखा नियंत्रक कार्यालय (गुजरात दूरसंचार सर्किल-अहमदाबाद) से ब्याज सहित कुल 15,019,97,48,444 रुपये का बकाया चुकाने का नोटिस मिला है. यह राशि 23 जनवरी, 2020 तक अदा की जानी है.

दूरसंचार विभाग ने अक्टूबर में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड से भी 1.72 लाख करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया चुकाने को कहा है. दूरसंचार विभाग ने स्पष्ट किया है कि एजीआर आदेश सभी लाइसेंसधारकों मसलन गेल, रेलटेल और पावरग्रिड जैसी कंपनियों पर भी लागू होगा.

इस तरह की कंपनियों का दूरसंचार क्षेत्र में कोई बहुत अधिक कामकाज नहीं है, लेकिन उन पर बकाया की गणना उनके पूरे राजस्व के आधार पर की जायेगी.

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