नयी दिल्ली : सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिफंड के धोखाधड़ी वाले मामलों पर लगाम को केंद्र और राज्य सरकारों की एक समिति के गठन का फैसला किया है. यह समिति एक विस्तृत मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को डिजाइन करेगी. राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय की अध्यक्षता में हुए राज्य कर आयुक्तों और केंद्रीय कर के मुख्य आयुक्तों के दूसरे राष्ट्रीय जीएसटी सम्मेलन में इस बारे में फैसला लिया गया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) के रिफंड दावों में धोखाधड़ी के मद्देनजर जोखिम वाले और नये निर्यातकों के लिए विदेशी विनिमय रेमिटेंस और आईजीएसटी रिफंड को जोड़ने की संभावना तलाशी जा रही है. फर्जी इनपुट कर क्रेडिट, निर्यात-आयात धोखाधड़ी और धोखाधड़ी वाले रिफंड के सभी बड़े मामलों की अनिवार्य रूप से जांच आयकर विभाग जांच शाखा को करनी चाहिए.
इसके अलावा, केंद्र और राज्य के अधिकारियों की एक समिति के गठन का भी फैसला किया गया है, जो एक निश्चित समय में जांच और उपायों का क्रियान्वयन करेगी, जिससे धोखाधड़ी वाले रिफंड दावों पर अंकुश लगाया जा सकेगा. इसमें उलटकर ढांचे वाले रिफंड दावा और जीएसटी अपवंचना पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. समिति एक सप्ताह में विस्तृत एसओपी लेकर आयेगी. देशभर में इसका क्रियान्वयन जनवरी के अंत तक हो सकता है.
बयान में कहा गया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और जीएसटी नेटवर्क के साथ सहमति ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये जायेंगे. इससे एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस के जरिये आंकड़ों का आदान प्रदान किया जा सकेगा.
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