नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीलांचल इस्पात लि में एमएमटीसी सहित छह सार्वजनिक उपक्रमों की हिस्सेदारी बिक्री के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने नीलांचल इस्पात में छह कंपनियों के कुछ शेयरों के विनिवेश की मंजूरी दी है. इन छह सार्वजनिक उपक्रमों में एमएमटीसी के अलावा राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लि (भेल), ओड़िशा माइनिंग कॉरपोरेशन, ओड़िशा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन और मेकॉन शामिल हैं. मंत्री ने बताया कि एमएमटीसी द्वारा नीलांचल इस्पात में अपनी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जायेगी. ओड़िशा माइनिंग कॉरपोरेशन 20 प्रतिशत, ओड़िशा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन 12 प्रतिशत और एनएमडीसी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.
मंत्रिमंडल ने जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद शैक्षणिक एवं शोध संस्थान परिसर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि यह आयुर्वेद के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व का पहला संस्थान होगा. उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए संसद में एक विधेयक भी लाया जायेगा. जावड़ेकर ने बताया कि यह आयुर्वेद संस्थान के क्लस्टर के रूप में होगा. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इसके तहत आयुर्वेद में स्नातकोत्तर शिक्षण एवं शोध संस्थान, श्री गुलाबकुंवरवा आयुर्वेद महाविद्यालय, इंस्टीट्यूट आॅफ आयुर्वेद फर्मास्यूटिकल्स साइंस आदि भी शामिल है.
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