नयी दिल्ली : पूंजी की तंगी से जूझ रहे यस बैंक के स्वतंत्र निदेशक उत्तम प्रकाश अग्रवाल ने बैंक के संचालन स्तर में आती गिरावट और अन्य मामलों पर गंभीर चिंताएं जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, बैंक का कहना है कि रिजर्व बैंक के निर्देश के तहत अग्रवाल की ‘काम के उपयुक्त एवं योग्य’ होने को लेकर पहले ही समीक्षा चल रही थी.
इस बीच, बैंक को दो अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना में झटका लगा है. कनाडा के निवेशक एरविन सिंह बराइच की 1.2 अरब डॉलर की पेशकश अब आगे नहीं बढ़ेगी. इसके अलावा, साइटैक्स होल्डिंग्स और साइटैक्स इंवेस्टमेंट ग्रुप की 50 करोड़ डॉलर की पेशकश में भी चुनौतियां आ रही हैं.
बैंक ने बीएसई को बताया कि उसके निदेशक मंडल ने 10 हजार करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की नयी योजना को मंजूरी दी है. इसके लिए शीघ्र ही शेयरधारकों की मंजूरी ली जायेगी. अग्रवाल ने बैंक के अंशकालिक गैर-कार्यकारी चेयरमैन ब्रह्म दत्त को इस्तीफे के संबंध में भेजे पत्र में कहा है कि मैं यस बैंक के स्वतंत्र निदेशक, ऑडिट समिति के चेयरमैन तथा निदेशक मंडल की सभी अन्य समितियों की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं.
उन्होंने पत्र में कहा कि कंपनी संचालन स्तर गिरते जाने, अनुपालन में अक्षम रहने, प्रबंधन के तौर-तरीके और सीईओ एवं एमडी रवणीत गिल, संचालन एवं नियंत्रण के वरिष्ठ समूह अध्यक्ष राजीव उबरॉय और निदेशक मंडल के सदस्य एवं वैधानिक प्रमुख संजय नांबियार द्वारा जिस तरह से बैंक के मामलों को देखा जा रहा है, उसको लेकर गंभीर चिंताएं हैं.
उधर, बैंक ने इस बारे में कहा कि रिजर्व बैंक के निर्देश के तहत ‘कुशल व योग्य’ होने की अग्रवाल की पात्रता पर निदेशक मंडल में चर्चा होने वाली थी. उन्होंने ऐसे समय इस्तीफा दिया है, जब निदेशक मंडल यह करने वाला था कि क्या वे इस पात्रता पर खरे उतरते हैं अथवा नहीं. अग्रवाल ने कहा कि मैंने यस बैंक और इसके लाखों छोटे-बड़े जमाकर्ताओं, निवेशकों, शेयरधारकों और सभी संबंधित पक्षों के हित में समय-समय पर इन महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर चिंताएं प्रकट की हैं.
उन्होने कहा कि मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और अब इन मामलों का विस्तार से जिक्र करते हुए लिख रहा हूं. अपने इस्तीफे से इतर मुझे उम्मीद है कि आप लोगों की अगुआई में हमारा बैंक स्थिर होगा और सभी शेयरधारकों और संबंधित पक्षों के हितों की रक्षा होगी.
अग्रवाल ने नौ जनवरी, 2020 को सेबी चेयरमैन अजय त्यागी को भेजे एक अलग पत्र में पूजी बाजार नियामक से मामले में तुरंत हस्तक्षेप का आग्रह किया था. पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट अग्रवाल ने सेबी चेयरमैन को भेजे अपने पत्र में कहा कि बैंक के सीईओ और प्रबंध निदेशक ने 31 अक्टूबर, 2019 की बैठक में मौखिक तौर पर सूचित किया कि बैंकों को वैश्विक निवेशक से 1.2 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है, जबकि इस प्रस्ताव पर विचार के लिये निदेशक मंडल की कोई बैठक नहीं हुई.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.