आईटी और बैंकिंग शेयरों में बिकवाली का दबाव,दूसरे दिन भी गिरा सेंसेक्‍स

मुंबई: मुख्य आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के दबाव से आज बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 76 अंक नीचे आ गया. इसके साथ ही सेंसेक्स लगातार दूसरे दिन गिरा है. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक कंपनी कांग्नीजेंट ने जिस तरह चालू वित्त वर्ष के अपने कारोबार के अनुमान में नरमी का संकेत दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2014 6:46 PM

मुंबई: मुख्य आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के दबाव से आज बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 76 अंक नीचे आ गया. इसके साथ ही सेंसेक्स लगातार दूसरे दिन गिरा है. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक कंपनी कांग्नीजेंट ने जिस तरह चालू वित्त वर्ष के अपने कारोबार के अनुमान में नरमी का संकेत दिया है, उससे घरेलू आईटी कंपनियों के शेयर आज प्रभावित हुये.

हालांकि रेलवे से जुडी कंपनियों के शेयरों में आज तेजी देखी गयी. सरकार ने कल रेलवे निर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने का फैसला किया, जिससे रेलवे क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों का आकर्षण बढा हुआ था.

कितना अंक गिरा सेंसेक्‍स और निफ्टी

बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 76.26 अंक या 0.30 प्रतिशत गिरकर 25,589.01 अंक पर बंद हुआ. कल इसमें करीब 243 अंक की गिरावट दर्ज की गयी थी. आज कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 25,526 अंक से 25,778 अंक के बीच घट-बढ हुयी. कांग्नीजेंट ने अपनी 2014 की वार्षिक आय में 14 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है, जबकि पहले कंपनी ने कहा था कि आय में वृद्धि 16.6 प्रतिशत तक रहेगी. इसके असर से आईटी क्षेत्र के शेयर दबाव में रहे. प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस 1.68 प्रतिशत घाटे में रही. आईटीसी का शेयर 1.56 प्रतिशत गिरा.

नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 22.80 अंक अथवा 0.30 प्रतिशत गिरकर 7,649.25 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह नीचे में 7,630.40 और 7,708.95 अंक के दायरे में रहा. रेलवे के शेयरों में टीटागढ वैगन्स 1.03 प्रतिशत बढा. कालिन्दी रेल निगम 3.84 प्रतिशत लाभ में रहा, जबकि टैक्समाको रेल के शेयरों में 4.49 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया.

आर्थिक सुधारों को गति देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे संरचना क्षेत्र में 49 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति का फैसला किया है. साथ ही रक्षा क्षेत्र में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढाकर 49 प्रतिशत करने से आस्ट्रा माइक्रोबेव प्रोडक्ट्स, बीईएमएल और भारत इलेक्ट्रिानिक्स के शेयरों में तेजी दर्ज की गयी.

बैंक, जमीन, जायजाद, बिजली, मशीनरी, दवा, धातु और रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में घाटा हुआ. सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयर घाटे में और 14 मुनाफे में बंद हुये. यूक्रेन का संकट बढने से यूरोपीय बाजार मंदे खुले. इसका भी स्थानीय बाजार पर असर देखा गया. तेल, गैस, पीएसयू और टिकाउ उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों ने बाजार को कुछ हद तक संभाले रखा.

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