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फिक्की ने कहा, आर्थिक वृद्धि तेज करने के लिए इकोनॉमी में सरकारी पूंजी झोंकने की जरूरत

नयी दिल्ली : उद्योग मंडल फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने मंगलवार को सरकार से आग्रह किया कि वह राजकोषीय घाटे को लेकर चिंता न करे और नरमी को थामने तथा आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये सार्वजनिक पूंजी खर्च बढ़ाये. उन्होंने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था में पूंजी डालने की जरूरत है. सचाई यह […]

नयी दिल्ली : उद्योग मंडल फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने मंगलवार को सरकार से आग्रह किया कि वह राजकोषीय घाटे को लेकर चिंता न करे और नरमी को थामने तथा आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये सार्वजनिक पूंजी खर्च बढ़ाये. उन्होंने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था में पूंजी डालने की जरूरत है. सचाई यह है कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि में नरमी है और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पर्याप्त पूंजी लगाने की जरूरत है. ऐसे में हमें राजकोषीय घाटे में हल्की वृद्धि को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए.

रेड्डी ने कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था में डेढ-दो लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे खपत को बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के पास पूंजी डालने को लेकर राजकोषीय गुंजाइश है, रेड्डी ने कहा कि सरकार के पास गुंजाइश है, क्योंकि राजकोषीय घाटा अभी नियंत्रण में है. सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है.

उन्होंने कहा कि एक उपाय यह है कि सरकार आरबीआई से पूंजी जुटाए. साथ ही, सरकार को समयबद्ध तरीके से विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाना चाहिए. फिक्की के नये अध्यक्ष ने निर्यात बढ़ाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में हमारी हिस्सेदारी केवल 1.7 फीसदी है और भारत जैसे देश के लिए यह काफी कम है. हमें इसमें वृद्धि लानी चाहिए. देश का निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान करीब 2 फीसदी घटकर 212 अरब डॉलर रहा.

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