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फास्टैग : नकदी के ज्यादा चलन वाले 65 टोल प्लाजा पर नियमों में दी गयी 30 दिन की ढील

नयी दिल्ली : सरकार 65 चिह्नित नामों पर फास्टैग के नियमों में कुछ समय की ढील दी है, क्योंकि वहां पर अभी ज्यादातर लोग रोड टैक्स का भुगतान नकद ही कर रहे हैं. इन 65 टोल नाकों पर 25 फीसदी फास्टैग फीस वाले रास्तों को 30 दिन के लिए मिले-जुले भुगतान वाली लाइन में बदलने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2020 6:38 PM

नयी दिल्ली : सरकार 65 चिह्नित नामों पर फास्टैग के नियमों में कुछ समय की ढील दी है, क्योंकि वहां पर अभी ज्यादातर लोग रोड टैक्स का भुगतान नकद ही कर रहे हैं. इन 65 टोल नाकों पर 25 फीसदी फास्टैग फीस वाले रास्तों को 30 दिन के लिए मिले-जुले भुगतान वाली लाइन में बदलने की छूट दी है. हाइब्रिड या मिली-जुली लेन में फास्टैग भुगतान और नकद भुगतान करने वाले दोनों प्रकार के वाहन जा सकते हैं.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा कि यह अस्थायी व्यवस्था 30 दिन के लिए है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के आग्रह पर यह कदम उठाया गया है, जिससे नागरिकों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो. सरकार ने 15 दिसंबर से एनएचएआई के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग आधारित इलेक्ट्रॉनिक रोड टैक्स कलेक्शन सिस्टम लागू किया है. इसके तहत, टोल प्लाज की कम से कम 75 फीसदी लेन पर नकद भुगतान पर रोक लगा दी गयी है.

टोल प्लाजा पर अधिकतम 25 फीसदी लेन पर ही नकद भुगतान की व्यवस्था होगी. ये 65 टोल प्लाजा उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनएचएआई के चेयरमैन एसएस संधू को लिखे पत्र में कहा है कि इन 65 टोल प्लाजा पर यातायात की स्थिति के अनुसार 25 फीसदी तक ‘फास्टैग लेन ऑफ फी प्लाजा’ को अस्थायी रूप से हाइब्रिड लेन में बदला जा सकता है. इस पर मामला दर मामला के आधार पर निर्णय किया जायेगा.

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है, जो 30 दिन के लिए है. इसके पीछे मकसद यातायात का सुगम प्रवाह सुनिश्चित करना है, जिससे लोगों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो.

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