जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) : भारतीय चाय संघ (आइटीए) का कहना है चाय के उत्पादन में बढ़ोतरी तभी होगी, जब बागान में काम करने वाले कर्मचारियों की जिंदगी बेहतर होगी. आइटीए की उपाध्यक्ष नयनतारा पालचौधरी ने संगठन की डुआर्स शाखा के 142वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हालिया अध्ययन में पाया गया है कि चाय बागान में काम करने वाली अधिकतर महिला कर्मचारी एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित हैं. इस संबंध में कदम उठाये जा रहे हैं.
उन्होंने महिला कर्मियों को कम दाम में सेनेटरी नैपकिन दिये जाने की भी जरूरत पर जोर दिया. पालचौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है, विशेषकर नवजात बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए. आइटीए के महासचिव अरिजीत राहा ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं कि चाय बागान में काम करने वाले कर्मचारियों को केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा पहुंचे.
उनके वेतन और बोनस संवितरण को डिजिटल किया जाता है, जिसके लिए उनके पास आधार कार्ड हैं और मालिक उन्हें आवास, स्वास्थ्य, पानी और शिक्षा की सुविधा प्रदान करते हैं.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.