कृषि प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्ट अप को बढ़ावा देने पर मोदी सरकार का जोर

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार का जोर कृषि प्रौद्योगिकी आधारित ‘स्टार्ट अप’ को प्रोत्साहित करने पर है ताकि स्मार्ट और सूक्ष्म कृषि को आगे बढ़ाने के लिए किसानों और कृषि संबंधी आंकड़ों का सही ढंग से उपयोग किया जा सके. प्रधानमंत्री ने तीसरे विश्व आलू सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2020 12:33 PM

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार का जोर कृषि प्रौद्योगिकी आधारित ‘स्टार्ट अप’ को प्रोत्साहित करने पर है ताकि स्मार्ट और सूक्ष्म कृषि को आगे बढ़ाने के लिए किसानों और कृषि संबंधी आंकड़ों का सही ढंग से उपयोग किया जा सके.

प्रधानमंत्री ने तीसरे विश्व आलू सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं. किसानों के प्रयास और सरकार की नीति के संयोग का ही परिणाम है कि अनेक अनाजों और खाने के अन्य सामान के उत्पादन में भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में है. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि खेती की लागत कम हो, किसान का खर्च कम हो. सरकार द्वारा शुरू की गयी किसान सम्मान निधि से किसानों के अनेक खर्चो को पूरा करने में मदद मिली है.

मोदी ने कहा कि सरकार का जोर कृषि प्रौद्योगिकी आधारित ‘स्टार्ट अप’ को प्रोत्साहित करने पर भी है ताकि स्मार्ट और सूक्ष्म कृषि के लिए किसानों के जरूरी आंकड़े और कृषि संबंधी सामग्री का उपयोग किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस महीने के शुरुआत में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में, 12 हजार करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान और उपभोक्ता के बीच के स्तरों और उपज की बर्बादी को कम करना हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए परंपरागत कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में कोई भूखा और कुपोषित ना रहे, इसकी भी एक बड़ी जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है. मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले तीन दिनों में आप इसी दिशा में गंभीर मंथन करेंगे. इस सम्मेलन की खास बात ये भी है कि यहां आलू सम्मेलन, कृषि एक्पो और आलू खेल दिवस तीनों एक साथ हो रहे हैं.

मोदी ने कहा कि करीब 6,000 किसान खेत दिवस के मौके पर खेतों में जाने वाले हैं. ये प्रशंसनीय प्रयास है. उन्होंने कहा कि पहली बार यह सम्मेलन दिल्ली से बाहर हो रहा है. गुजरात में इस कॉन्क्लेव का होना इसलिए भी अहम है क्योंकि, ये राज्य आलू की उत्पादकता के लिहाज से महत्वपूर्ण है.

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