कंपनी कानून के तहत कंपनियों के कारोबार समेटने के नियम अधिसूचित

नयी दिल्ली : सरकार ने कंपनी कानून के तहत कंपनियों के कारोबार समेटने (बंद करने) के नियमों को अधिसूचित कर दिया है. इससे राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के बोझ को कम किया जा सकेगा. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी (कंपनी बंद करने संबंधी) नियमों-2020 को अधिसूचित कर दिया है. ये नियम एक अप्रैल, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2020 9:43 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने कंपनी कानून के तहत कंपनियों के कारोबार समेटने (बंद करने) के नियमों को अधिसूचित कर दिया है. इससे राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के बोझ को कम किया जा सकेगा. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी (कंपनी बंद करने संबंधी) नियमों-2020 को अधिसूचित कर दिया है. ये नियम एक अप्रैल, 2020 से लागू होंगे. कंपनियों को बंद करने संबंधी आवेदन विभिन्न शर्तों मसलन कारोबार की सीमा और चुकता पूंजी पर निर्भर करेंगे.

विधि कंपनी साइरिल अमरचंद मंगलदास की भागीदार एवं प्रमुख (एमएंडए) अकिला अग्रवाल ने कहा कि इन नियमों से एनसीएलटी का बोझ कम हो सकेगा. इसमें परिसमापन के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया अपनाने की सुविधा होगी, जिसे केंद्र सरकार के पास दाखिल करना होगा. उन्होंने कहा कि नियमों के मसौदे में यह सिर्फ छोटी कंपनियों के लिए था.

अंतिम नियमों के तहत ये उन कंपनियों को भी उपलब्ध होंगे, जिनकी संपत्तियां की ‘बुक वैल्यू’ एक करोड़ रुपये तक है, जिन्होंने 25 लाख रुपये से अधिक की जमा राशि नहीं ली है या जिनका गारंटी वाला कर्ज 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है अथवा जिनका कारोबार 50 करोड़ रुपये से अधिक या चुकता पूंजी एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं है.

फिलहाल, स्वैच्छिक परिसमापन मामलों को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत लिया जाता है. बहरहाल, सरकार ने कंपनी कानून 2013 के तहत नियमों को अधिसूचित किया है. यह कानून कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अमल में लाया जाता है.

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