नयी दिल्ली : कृषि क्षेत्र में कर्ज, बीमा और सिंचाई सुविधाओं जैसी बुनियादी चुनौतियों से निपटने की तत्काल जरूरत है. यह 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य पाने के लिए अहम है. शुक्रवार को संसद में पेश की गयी आर्थिक समीक्षा 2019-20 के अनुसार, कृषि क्षेत्र के मजदूरों को अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किये जाने की भी जरूरत है. साथ ही, किसानों को सीधे एक आमदनी उपलब्ध कराने के अलावा कृषि उत्पादों के लिए वैश्विक बाजारों में और मौके तलाशने पर ध्यान देना होगा.
समीक्षा में कहा गया है कि किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए कृषि और संबंधित क्षेत्रों की कुछ बुनियादी चुनौतियों का तार्किक तरीके से समाधान करने की जरूरत है. कृषि क्षेत्र में निवेश, जल संरक्षण, फसल की बेहतरी के लिए अच्छी कृषि विधियों को अपनाने, बाजार तक पहुंच, संस्थागत ऋण की उपलब्धता और कृषि तथा गैर-कृषि क्षेत्र के बीच संबंधों को बढ़ावा देने की तत्काल जरूरत है.
समीक्षा के अनुसार, कुशल जल संरक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए सिंचाई सुविधाओं का दायरा बढ़ाने की भी आवश्यकता है. कृषि ऋण के क्षेत्रीय वितरण को लेकर मौजूदा डर के समाधान के लिए समावेशी दृष्टिकोण के साथ प्रावधान करने होंगे. छोटी या सीमांत जोतों का दायरा काफी व्यापक है और इसलिए भूमि बाजार को मुक्त बनाने जैसे भूमि सुधारों से किसानों की आमदनी बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है.
समीक्षा में कृषि से संबद्ध पशुपालन, डेयरी, मत्स्यपालन इत्यादि को बढ़ावा देने की बात कही गयी है. इसे विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी के साधन के तौर पर विकसित करने की जरूरत पर बल दिया गया है. पिछले पांच साल में पशुधन क्षेत्र में संचयी रूप से सालाना करीब आठ फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है. यह किसानों की पोषण सुरक्षा, रोजगार और आय में अहम भूमिका निभाता है. यह लाखों ग्रामीण परिवारों के लिए आमदनी का अतिरिक्त साधन बन गया है.
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