मनोज जैन
डायरेक्टर एंड हेड ऑफ कमोडिटीज, इंडिया निवेश
कृषि के लिए इस बार के बजट में 16 एजेंडे की घोषणा से किसानों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आयेगी, लेकिन जीरो बजट खेती से खाद निर्माता कंपनियों की सेहत पर असर पड़ेगा. सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 16 सूत्रीय एजेंडा मददगार साबित होगा. किसानों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 20 लाख सोलर पंप देने की पहल सही दिशा में उठाया गया कदम है.
बजट में वेयरहाउस के निर्माण, सतत फसल चक्र पर काम करने, खादों के प्रयोग को कम करने और बायो-खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की घोषणा स्वस्थ कृषि उत्पाद को बढ़ावा देगी. खास बात यह है कि बजट में पानी की कमी से जूझ रहे देश के 100 जिलों के लिए व्यापक योजना बनाना समय की मांग थी. पानी की कमी कृषि के समक्ष बड़ी समस्या बनी हुई है. कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए किसान रेल और किसान उड़ान योजना महत्वपूर्ण कदम है. वर्ष 2025 तक दूघ उत्पादन को दोगुना करने से डेयरी और पशुपालन उद्योग को काफी लाभ मिलेगा. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर हाॅस्पीटल की संख्या दोगुना करने से लोगों को गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल पायेंगी.
ओडीएफ प्लस के लिए वचनबद्धता, स्वच्छ भारत अभियान को "12,300 करोड़ मिले
स्वच्छ भारत अभियान के लिए बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 12,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके तहत जल जीवन अभियान के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. इसमें कचरा प्रबंधन तथा तरल और धूसर जल प्रबंधन पर फोकस किया गया है. बजट में ओडीएफ प्लस के लिए वचनबद्धता दोहरायी गयी है और कहा गया है कि ओडीएफ व्यवहार को बनाये रखने के लिए यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई व्यक्ति इससे अछूता न रहे. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि तरल और धूसर जल प्रबंधन की दिशा में और अधिक कार्य किये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मुख्य ध्यान ठोस अपशिष्ट एकत्रीकरण यानी कचरा जमा करने, स्रोत पृथकीकरण और शोधन पर होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 में स्वच्छ भारत अभियान के लिए कुल 12,300 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान किया गया है.
‘हर घर नल से जल’के लिए 500 करोड़ ज्यादा
बजट में शहरोें को पीने के पानी की गुणवत्ता के मामले में बड़ी सुविधा देने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत ‘जल जीवन मिशन’ के तहत दस लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में सभी घरों में पाइप से शुद्ध पेय जल की सुविधा मुहैया कराने के संकल्प को दोहराया गया है. इसके लिए बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. सभी परिवारों को पाइपलाइन के माध्यम से जलापूर्ति प्रदान करने के उद्देश्य से 3.60 लाख करोड़ रुपये की ‘जल जीवन अभियान’ योजना स्वीकृत की गयी है. इस योजना के तहत स्थानीय जल स्रोतों को बढ़ाने, वर्तमान स्रोतों को पुनः जल से परिपूर्ण करने जैसी प्रोत्साहन गतिविधियां शामिल हैं.
दस लाख से अधिक की जनसंख्या वाले शहरों को वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में कहा कि ‘जल जीवन अभियान’ के तहत जल संग्रहण के साथ-साथ सरकार जल के खारेपन को कम करने को भी प्रोत्साहनद देगी.
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