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Budget 2020 : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए गांव, गरीब और किसान पर फोकस, जानें विस्तार से
चलेगी किसान ट्रेन, हवाई जहाज से विदेश तक जायेंगी सब्जियां बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए गांव, गरीब और किसान पर पूरा फोकस किया गया है. इसमें किसानों की आय को 2022 तक दो गुना करने के लिए कृषि बाजारों को उदार बनाने और किसानों को भरपूर समर्थन देने का प्रस्ताव किया […]
चलेगी किसान ट्रेन, हवाई जहाज से विदेश तक जायेंगी सब्जियां
बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए गांव, गरीब और किसान पर पूरा फोकस किया गया है. इसमें किसानों की आय को 2022 तक दो गुना करने के लिए कृषि बाजारों को उदार बनाने और किसानों को भरपूर समर्थन देने का प्रस्ताव किया गया है. इसके लिए बजट में 16 एक्शन प्वाइंट्स शामिल किये गये हैं. इन 16 स्कीमों के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जायेगा.
कुल फंड में कृषि, सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये की राशि शामिल है. बजट में 11 करोड़ किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ देने का प्रावधान है. कृषि को प्रतिस्पर्धात्मक बना कर किसानों की उन्नति सुनिश्चित करने की पहल की गयी है. फल, दूध और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल और उड़ान योजना का प्रस्ताव किया गया है.
वहीं, पांच शहरों को स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया गया है. साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की आधारभूत संरचना में सुधार के साथ-साथ 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में हर घर को पाइप लाइन से पीने का पानी मुहैया कराने के लिए पिछली बार से 500 करोड़ रुपये ज्यादा का प्रावधान किया गया है. साथ ही इन अहम शहरों में स्वच्छ हवा के लिए बजट में 4,400 करोड़ रुपये का प्रास्ताव है. बजट में कृषि बाजारों को उदार बनाने और किसानों को भरपूर समर्थन देने का प्रस्ताव है. सरकार ने प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना के तहत 6.11 करोड़ किसानों का बीमा कराया है.
इस बजट में किसानों के हाथों में ज्यादा पैसे लाने की कोशिश : बजट से उम्मीद की जा रही थी कि किसान क्रेडिट कार्ड्स जैसे उधारी के संस्थागत साधनों के जरिये ग्रामीण किसानों को फायदा पहुंचाया जा सकता है. हालांकि ऐसी रियायतों से ग्रोथ को सपॉर्ट देने के लिए जरूरी संसाधान तलाशने का दबाव बनेगा.
"15 लाख करोड़ का कृषि ऋण : 2020-21 में 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण देने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए नाबार्ड पुनर्वित्त योजना का विस्तार किया जायेगा.
बढ़ेगी भंडारण क्षमता : वित्त मंत्री ने कहा कि भंडारण की क्षमता को बढ़ाने के लिए ब्लॉक और ताल्लुक के स्तर पर नये स्टोरेज बनाये जायेंगे. 162 मिलियन टन के भंडारण की क्षमता है. नाबार्ड इसे जीयोटैग करेगा. विलेज स्टोरेज स्कीम. बैकवर्ड लिंकेज के रूप में ग्राम भंडार स्कीम स्व-सहायता समूहों द्वारा चलाये जाने का प्रस्ताव, जिसमें महिलाओं की भी भूमिका होगी.
अहम शहरों में स्वच्छ हवा के लिए बजट से मिले 4,400 करोड़ रुपये
10 लाख से अधिक की आबादी वाले प्रमुख शहरों में स्वच्छ हवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 4,400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि संबंधित योजनाओं और पहलों के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परितर्वन मंत्रालय जल्द ही उपयुक्त मानदंड अधिसूचित करेगा.
कृषि उपज को ‘उड़ान’
वित्त मंत्री ने किसानों रेल योजना के अलावा सरकार कृषि उड़ान योजना भी शुरू करेगी. इसके तहत नागर विमानन मंत्रालय कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक परिवहन की सुविधा देगा. उन्होंने कहा कि सरकार क्लस्टर आधार पर एक जिलेमें एक बागवानी फसल कोप्रोत्साहन देगी.
ठेका खेती अब केंद्रीय कानूनों के मुताबिक
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्यों से कृषि भूमि पट्टे, विपणन और ठेका खेती के लिए तीन केंद्रीय मॉडल कानूनों को अपनाने के लिए कहा है. किसानों को बंजर जमीन पर सोलर यूनिट लगाने की अनुमति दी जायेगी और उससे ग्रिड को बिजली आपूर्ति की जायेगी.
‘किसान रेल’ : फल-सब्जी के लिए रेफ्रीजेरेटेड वैन
बजट में फल, दूध और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल का प्रस्ताव किया गया है. इन ट्रेनों में इन कच्चे मालों को ले जाने के लिए रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन की सुविधा होगी. इसमें तापमान का विशेष ध्यान रखा जायेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि जल्द खराब होने वाले सामान के लिए नेशनल कोल्ड सप्लाइ सीरीज को रेलवे पीपीपी मॉडल में किसान रेल बनायेगी. चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों से माल की ढुलाई के लिए रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का भी प्रस्ताव है. इनमें फल, सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मछली, मांस को लंबी दूरी तक ले जाने के लिए इस तरह की तापमान नियंत्रित वैन की जरूरत है.
रेलवे अभी इसे कुछ रुटों पर रेफ्रीजेरेटेड पार्सल वैन जोड़ कर चला रहा है, जिसमें 17 टन तक के सामान को रखा जा सकता है. इसे कपूरथला कोच फैक्ट्री में डिजाइन किया गया है़ फिलवक्त रेलवे के पास नौ रेफ्रीजेरेटेड पार्सल वैन हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने विस्तार से बताते हुए कहा कि यह रेफ्रीजेरेटेड पार्सल वैन को अभी आने-जाने का किराया देना पड़ता है और इसे रेल के डिब्बे में ही जोड़ा जाता है, लेकिन मांग बढ़ने पर इसके लिए पूरा रैक रखा जा सकता है.
तापमान को नियंत्रित करने वाला कार्गाे सेंटर पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर उप्र के गाजीपुर और दिल्ली के न्यू आजादपुर में बनाया गया है़ नासिक में एक सेंटर तैयार हो रहा है. बिहार के फतुहा और मप्र के महेश्वर में सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउसिंग काॅरपोरेशन ने तापमान नियंत्रित कार्गाे बनाने को मंजूरी दी है. दादरी और सोनीपत में भी कोल्ड स्टोरेज सुविधा का निर्माण कॉनकोर कर रही है. देश के विभिन्न हिस्सों में सब्जी और फल को भेजने के 98 केंटनर कॉनकोर के जरिये खरीदा गया है. एक कंटेनर में 12 टन फल या सब्जी को ढोया जा सकता है.
कितना पैसा आया
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए 16 सूत्री कार्य योजना
16 सूत्री कार्य योजना के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
· कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये.
किसानों को समृद्ध करने के लिए नये लक्ष्य
2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना.
2025 तक दूध प्रसंस्करण क्षमता 108 मिलियन मीट्रिक टन करना.
गरीबी उन्मूलन के लिए 50 लाख परिवार 58 लाख एसएचजी से जुड़ेंगे.
2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज
इस बार के बजट में खास
पंचायती राज के लिए "1.23 लाख करोड़ रुपये
सरकार ने ग्रामीण विकास और पंचायत राज के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, जबकि कृषि और उससे संबद्ध गतिविधियों के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. सरकार पशुधन उत्पादन बढ़ाने के लिए कृत्रिम वीर्यसेचन को 30 प्रतिशत से 70 प्रतिशत बढ़ाने जा रही है. मछली उत्पादन दो साल में 200 लाख टन तक बढ़ाया जायेगा.
पीएम कुसुम योजना
20 लाख किसानों को मिलेगा लाभ
बजट में प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) के विस्तार की घोषणा की गयी है. इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जायेगी. 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जायेगा. किसान इन सोलर पंपों से बनने वाली अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति ग्रिड को भी कर सकेंगे. मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में फरवरी 2019 में पीएम कुसुम योजना की शुरुआत की थी, जिसके लिए 34,422 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटी है और वे सौर ऊर्जा से जुड़े हैं. इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम हुए हैं. किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा पैदा कर आमदनी भी कमा सकेंगे. पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं. योजना के तहत इन तीनों घटकों को मिला कर 2022 तक कुल 25,750 मेगावाट सौर क्षमता तैयार करने की
योजना है.
पीएम कुसुम योजना के तीन घटक :
10,000 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े विकेंद्रीकृत नवीकरणीय बिजली संयंत्र.
17.50 लाख ग्रिड से पृथक सौर बिजली कृषि पंप.
10 लाख सौर बिजली कृषि पंपों का सोलराइजेशन ग्रिड से जुड़े हुए.
ग्रामीण विकास का आवंटन घटा मनरेगा में 13 प्रतिशत की कमी
वर्ष 2020-21 के बजट में ग्रामीण विकास विभाग के तहत विभिन्न प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन मामूली घटा कर 1.20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. पिछले वित्त वर्ष में यह 1.22 लाख करोड़ रुपये था. वहीं मनरेगा के लिए आवंटन में 9,500 रुपये की कटौती की गयी है. मनरेगा के लिए 61,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह 2019-20 के कुल अनुमानित व्यय यानी 71,001.81 करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत कम है. अनुमान है कि 2020-21 में मनरेगा के लिए वास्तविक व्यय आवंटित कोष से अधिक या इस साल के अनुमानित व्यय के बराबर रहेगा. मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 2008-14 में यूपीए सरकार के वक्त मनरेगा के तहत कुल खर्च 1.91 लाख करोड़ रुपये रहा. यह 2014 से 2020 तक एनडीए सरकार में बढ़ कर 2.95 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
पीएम-किसान सम्मान निधि का आबंटन 27.5 प्रतिशत घटा
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए आबंटन घटा कर 54,370.15 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया. हालांकि बजट में इसके लिए इस बार फिर 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बजट में कमी का कारण बंगाल सहित कुछ राज्यों में योजना को लागू करने में समस्या है.
कृषि, ग्रामीण विकास का बजट आवंटन 18 प्रतिशत बढ़ कर 2.83 लाख करोड़ रुपये हुआ
केंद्र सरकार ने कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए बजट आवंटन में 18 प्रतिशत की वृद्धि की है और यह 2.83 लाख करोड़ रुपये हो गया है. पिछले आम बजट में इन मदों के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. बजट में कृषि, सिंचाई एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है.
बजट में 2020-21 में 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है. यह चालू वित्त वर्ष के 13.5 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है.
ग्रामीण विकास विभाग के लिए आवंटन को 1,226,49 करोड़ रुपये से घटा कर 1,201,47.19 करोड़ रुपये कर दिया गया.
कृषि व ग्रामीण विकास के लिए बजट आवंटन
मद 2019-20 2020-21
कुल आवंटन* 2.83 2.40
पंचायती राज 900.94 500
मत्स्यपालन 825 700
पशुपालन-डेयरी 3,289.13 2,790
खाद्य प्रसंस्करण 1,232.94 1,042.79
कृषि शोध व शिक्षा 8,362.58 7,846.17
कृषि, सहकारिता व कृषक कल्याण
1,34,399.77 1,01,904
भूमि संसाधन विभाग 2,251.24 1,900
(राशि *लाख करोड़ में, बाकी सभी करोड़ में).
शहरी विकास मंत्रालय को 50,000 करोड़, 18% का इजाफा
पांच शहरों को किया जायेगा स्मार्ट शहर के रूप में विकसित
बजट में आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय के लिए 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसमें से सरकार की प्रमुख वरीयता प्राप्त स्वच्छ भारत मिशन के लिए चालू वित्तवर्ष के लिए आवंटित 1,300 करोड़ रुपये की तुलना में आगामी वित्तवर्ष में 2,300 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है.
मंत्रालय की अन्य योजनाओं के लिए 42,266.72 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है. इसमें स्मार्ट सिटी मिशन के लिए पिछले साल आवंटित 3,450 करोड़ की तुलना में इस साल 6,450 करोड़ रुपये दिये गये हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन पिछले साल की तुलना मे लगभग समान ही रखा गया है.
फ्लैश बैक
पिछले बजट में 75000 करोड़ रुपये पीएम किसान योजना के लिए आवंटित किये गये थे.
10,000 नयी कृषक उत्पादक कंपनियां बनाने का लक्ष्य रखा गया था.
02 करोड़ गांवों को प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत डिजिटल साक्षर बनाना था.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए आवंटन को 78 प्रतिशत बढ़ा कर 1.39 लाख करोड़ रुपये किया गया था. इसमें से 75,000 करोड़ रुपये की राशि सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम-किसान योजना के लिए आवंटित की गयी थी.
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