मोदी सरकार 2.0 के बजट से युवाओं को नौकरियों को लेकर काफी उम्मीदें थीं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके सपनों को पूरा करने की कोशिश भी की है. बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरियों पर जोर देने की बात कही.
बजट की शुरुआत में ही उन्होंने कहा कि हमारा वतन नौजवानों के गरम खून जैसा है. निर्मला ने कहा कि अब शिक्षा और नर्सिंग के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां आयेंगी. बजट में युवाओं के लिए नौकरियों पर विशेष ध्यान रखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युवाओं को रोजगार देने के लिए नेशनल रिकूटमेंट एजेंसी का गठन किया जायेगा. एजेंसी कंप्टूयर बेस्ड ऑनलाइन परीक्षा के जरिये भर्ती करेगी. हर जिले में इसके लिए एक सेंटर बनेगा.
नौकरियों के लिए इंडस्ट्री व कॉमर्स को प्रोमाेट करेगी केंद्र सरकार
बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि 2030 तक भारत में युवाओं की संख्या सबसे अधिक होगी, यानी नौकरी की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि 27 हजार करोड़ इंडस्ट्री और कॉमर्स के प्रोमोशन पर खर्च होंगे. हाउसिंग, क्लीन वाटर, हेल्थ केयर, मेट्रो, रेलवे, लॉजिस्टिक और एजुकेशन के लिए लाये गये प्रोग्राम से बड़े पैमाने पर रोजगार मिलने की संभावना है. वित्त मंत्री ने बताया कि नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित स्किल पर बढ़ावा देगी. इस योजना के तहत यंग इंजीनियर, मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स और इकोनॉमिस्ट को मौका मिलेगा.
गांव में भी आएंगी नौकरियां, युवाओं को करायी जायेगी इंटर्नशिप : निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्किल इंडिया के जरिये रोजगार पर जोर दिया जायेगा. कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. ग्रामीण युवाओं को इंटर्नशिप करायी जायेगी. सीतारमण ने कहा कि भविष्य में सरकार गांवों में अधिक रोजगार देने की कोशिश करेगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 लाख करोड़ के निवेश से भी पैदा होंगे रोजगार
100 लाख करोड़ रुपये का निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा. तटीय इलाकों में 2000 किमी सड़क और दिल्ली-मुंबई के बीच हाइवे बनाने की घोषणा से भी काफी नौकरियां आयेंगी. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2500 करोड़ खर्च का एलान किया गया है.
मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस, मोबाइल फोन असेंबलिंग पर जोर
सीतारमण ने कहा कि सरकार घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर दे रही है. खासकर मोबाइल फोन निर्माण पर सरकार का जोर रहेगा और भारत को मोबाइल हब बनाया जायेगा. सेमी कंडक्टर और मेडिकल डिवाइस बनाने पर भी फोकस किया जायेगा. सरकार हर जिले को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करेगी. 27 हजार करोड़ का आवंटन उद्योग व वाणिज्य विकास के लिए किया गया है.
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन, होगी सिंगल परीक्षा
सरकार ने नॉन-गजेटेड (ग्रुप-सी और डी) पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में बड़े बदलाव करने की तैयारी की है. बजट 2020 की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि नॉन-गजेटेड पदों पर भर्ती के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी स्थापित की जायेगी. अब तक अलग-अलग एजेंसियां इन पदों के लिए भर्ती करवाती थी. अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो नॉन-गजेटेड पदों पर भर्ती के लिए सिंगल टेस्ट होगा. सीतारमण ने गैर-राजपत्रित पद पर भर्ती के लिए एक विशेष सामान्य परीक्षण के रूप में एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया.
नये प्रस्ताव के तहत प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र स्थापित किया जायेगा. खासतौर से छोटे शहरों में इसकी स्थापना की जायेगी. एजेंसी नॉन गजेटेड पदों पर भर्ती के लिए एक स्पेशलाइज्ड कॉमन टेस्ट का आयोजन करेगी. अब उम्मीदवारों को सिर्फ एक ही परीक्षा देनी होगी, इसके साथ ही उन्हें अलग-अलग शहरों में जाकर परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी. मोदी सरकार के इस एलान से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को काफी सहूलियत मिलने की उम्मीद है.
युवाओं को सहूलियत
ग्रुप सी और डी के पदों के लिए अब कंप्यूटराइज्ड परीक्षा
अलग-अलग शहरों में जाकर परीक्षा देने की नहीं होगी जरूरत
100 संस्थान पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू करेंगे, इसकी भी योजना तैयार हो रही है
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