Budget 2020 विश्लेषण : ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि को लाभकारी बनाने की कोशिश

ब्रजेश झा प्रोफेसर, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ किसानों के लिए सरकार ने जो उड़ान योजना शुरू की है वह मुझे बहुत पसंद आयी है. इससे किसानों को काफी फायदा होगा. बिहार से जो लीची दिल्ली भेजी जाती है, उसे यहां पहुंचने में चार से पांच दिन का समय लगता है. इस योजना के जरिये वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2020 7:13 AM
ब्रजेश झा
प्रोफेसर, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ
किसानों के लिए सरकार ने जो उड़ान योजना शुरू की है वह मुझे बहुत पसंद आयी है. इससे किसानों को काफी फायदा होगा. बिहार से जो लीची दिल्ली भेजी जाती है, उसे यहां पहुंचने में चार से पांच दिन का समय लगता है. इस योजना के जरिये वह बहुत जल्द पहुंच जायेगा.
इस योजना को बढ़ावा देने की बहुत जरूरत है. एक से दूसरी जगह भेजने के क्रम में फल व सब्जी का तीस प्रतिशत नष्ट हो जाता था, उस नुकसान में कमी आयेगी. इससे किसानों को उनकी उत्पाद का अच्छा दाम मिल सकता है. किसानों की आय दोगुनी करने और क्रमबद्ध तरीके से कृषि व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधाने के लिए सरकार कदम उठा रही है. वह मार्केट पर काम कर रही है, ताकि किसान को उसके उपज की सही कीमत मिल सके. किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए वह दूसरे तरीके भी अपना रही है. इसी के तहत उसने किसानों के पंप और ग्रिड पंप को सौर पंप से जोड़ने की बात कही है.
सरकार ने ब्लू इकोनॉमी की भी बात की है जो बहुत जरूरी है. किसान की जमीन जब कम हो जाती है तो लाइवस्टॉक, फिशरीज बहुत जरूरी हो जाते हैं. खासकर इनलैंड फिशरीज तो बहुत जरूरी होते हैं. बिहार जैसे राज्यों में इसकी बहुत ज्यादा आवश्यकता है, क्योंकि यहां जल संसाधन बहुत ज्यादा हैं. हालांकि सरकार ने बजट में मरीन फिशरीज की बात की है, लेकिन इनलैंड फिशरीज को बढ़ावा देने की भी बहुत जरूरत है. बजट में पानी की कमी से जूझ रहे 100 जिलों में पानी की व्यवस्था करने की जो बात की गयी है वह बहुत महत्वपूर्ण है. कृषि के लिए जल की आवश्यकता होती है अौर इसकी व्यवस्था करने पर सरकार जोर दे रही है.
पानी की कमी से जूझ रहे ये जो 100 जिले हैं उनमें बहुत से पहाड़ी क्षेत्र होंगे, बहुत सारे रेगिस्तानी क्षेत्र होंगे. इन क्षेत्रों को किस तरह के पानी के स्रोत मुहैया कराने होंगे यह उस जगह की जरूरत के हिसाब से तय करना होगा. यह योजना कैसे क्रियान्वित होती है यह देखना होगा. वैसे सरकार की यह सोच अच्छी है. बजट में एग्रीकल्चर लैंड लीजिंग की बात भी की गयी है जो बहुत जरूरी है. अगर कृषि लैंड लीजिंग एक्ट लागू होता है तो इससे बहुत फायदा होगा. यहां दिल्ली में बिहार के ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका बिहार में एक एकड़ या उससे कम जमीन है. उनकी जमीन बची रहे इसके लिए उन्होंने या तो उसे ऐसे ही छोड़ दिया है या उसमें जंगल लगा दिया है.
ऐसे में अगर राज्य सरकार द्वारा लैंड लीजिंग की सही व्यवस्था हो और लैंड होल्डर्स के बीच भय का वातावरण न हो तो वे खेती के लिए अपनी जमीन लीज पर दे सकेंगे. इससे अनाज उत्पादन भी बढ़ेगा और लैंड हाेल्डर्स का डर भी कम होगा. वेयरहाउस को विकसित करने का सरकार का कदम सराहनीय है. इससे मार्केटिंग में मदद मिलेगी. वेयरहाउस जितने ज्यादा होंगे, किसानों को अपनी उपज का उतना ही अच्छा दाम मिलेगा.

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