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Budget 2020 विश्लेषण : गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा भारतीय रेलवे, निजी भागीदारी उत्साहजनक नहीं

अरविंद कुमार सिंह पूर्व सलाहकार, भारतीय रेल वर्ष 2020-2021 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ संकेत दिया है कि अब भारतीय रेल के उद्धार का सहारा पीपीपी ही रह गया है. बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि स्टेशनों के पुनर्विकास की चार परियोजनाओं और 150 यात्री गाड़ियों का […]

अरविंद कुमार सिंह
पूर्व सलाहकार, भारतीय रेल
वर्ष 2020-2021 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ संकेत दिया है कि अब भारतीय रेल के उद्धार का सहारा पीपीपी ही रह गया है. बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि स्टेशनों के पुनर्विकास की चार परियोजनाओं और 150 यात्री गाड़ियों का प्रचालन पीपीपी मॉडल पर होगा.
लेकिन कुल मिलाकर रेलवे के लिए आवंटित बजट से इसके भविष्य की बेहतर दिशा नहीं दिखती. पिछले बजट में वित्त मंत्री ने साफ संकेत दिया था कि भारतीय रेल जिन गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है, उसे दूर करने के लिए 2030 तक करीब 50 लाख करोड़ रुपये की दरकार है. 27 हजार किमी लंबी रेल लाइनों को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य जरूर महत्वाकांक्षी है. इसी तरह रेलवे भूमि पर रेल ट्रैक के साथ बड़ी सोलर पावर क्षमता स्थापित करने का प्रस्ताव भी अहम है. मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाइस्पीड ट्रेन के कामों में तेजी लायी जायेगी. साथ ही 18,600 करोड़ रुपये लागत की 148 किमी लंबी बंगलुरु उपनगरीय परियोजना के लिए भारत सरकार 20 फीसदी इक्विटी प्रदान करेगी.
बेशक 2020-21 में परिवहन अवसंरचना के लिए सरकार ने 1.70 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसमें रेलवे के हिस्से में 72,216 करोड़ रुपया और सड़क परिवहन के हिस्से में 91,823 करोड़ रुपया आ रहा है.
भारतीय रेल का परिचालन अनुपात 2020-21 के दौरान 96.2 फीसदी के करीब रहेगा जो 2019-20 में 97.4 फीसदी तक था. इस बार इसका आधिक्य 6500 करोड़ रुपये आंका गया है और इससे साफ है कि आंतरिक संसाधनों से विकास की कोई खास गुंजाइश रेलवे के पास नहीं है. वर्ष 2020-21 में रेलवे की कुल प्राप्तियां 2,25,613 करोड़ होंगी जबकि कार्यकारी व्यय 2,16,713 करोड़ होगा. रेलवे के यात्री यातायात से करीब 61 हजार करोड रुपये की आय और माल यातायात से 1,47,000 करोड़ रुपए की आय का आकलन किया गया है. रेलवे को पिछले साल सरकार ने 65,873 करोड़ की बजटीय सहायता दी थी.
इस बार रेल मंत्रालय ने एक लाख करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन उसे वित्त मंत्रालय से 72,216 करोड़ रुपए मिला. इस समय भारतीय रेल की 498 चालू परियोजनाओं के लिए भारी रकम चाहिए. इसमें 188 नयी लाइनों के साथ कुल 49,069 किमी की परियोजनाओं के लिए 6.75 लाख करोड़ रुपये की दरकार है. फिलहाल रेलवे में 15.24 लाख स्वीकृत पदों की तुलना में आॅन रोल 12.17 लाख लोग हैं. कर्मचारियों की रिक्तियां 3.06 लाख से अधिक हैं. इनमें भी संरक्षा श्रेणी कीरिक्तियां कुल 1.62 लाख हैं. कई परियोजनाओं को रेलवे ने पीपीपी के लिए खोला, लेकिन उसके नतीजे उत्साहजनक नहीं रहे.

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