नयी दिल्ली : रूस की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी रोसनेफ्ट भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के अधिग्रहण के लिए बोली लगा सकती है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आइगॉर सेचिन ने बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की.
बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि कंपनी बीपीसीएल के लिए बोली लगाने की इच्छा रखती है. रोसनेफ्ट के पास भारत की निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी में बहुमत हिस्सेदारी है. कंपनी की इच्छा दुनिया के तीसरे सबसे बड़े बाजार में अपना विस्तार करने की है. इस बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि सेचिन ने पहले प्रधान से नाश्ते पर मुलाकात की. उसके बाद उनकी प्रधान के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई.
इस बातचीत में उन्होंने बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी के अधिग्रहण की इच्छा जतायी. सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची 53 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. यह देश की निजीकरण के क्षेत्र में बड़ी पहल होगी. अधिकारी ने बताया कि बीपीसीएल के लिए पश्चिम एशिया की बड़ी कंपनियां मसलन सऊदी अरब की अरामको और संयुक्त अरब अमीरात की एडनॉक भी बोली लगा सकती हैं.
सेचिन यहां भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरी के साथ नियमित आधार पर कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए होने वाले पहले सौदे के मौके पर यहां आए हैं. उन्होंने भारत में और निवेश करने की इच्छा जतायी. 20 नवंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीपीसीएल के निजीकरण का फैसला किया था. इसके तहत बीपीसीएल में सरकार की समूची 52.98 फीसदी हिस्सेदारी प्रबंधन नियंत्रण के साथ रणनीतिक निवेशक को बेची जायेगी.
रोसनेफ्ट के पास नायरा एनर्जी लिमिटेड (पुराना नाम एस्सार ऑयल लिमिटेड) में 49.13 फीसदी हिस्सेदारी है. नायरा के पास गुजरात के वाडिनार में दो करोड़ टन सालाना क्षमता की रिफाइनरी का स्वामित्व और परिचालन है. कंपनी के देश में 5,628 पेट्रोल पंप भी हैं. कंपनी भारत में अपने खुदरा ईंधन बिक्री नेटवर्क का विस्तार करना चाहती है. इससे बीपीसीएल को देश में 67,440 पेट्रोल पंपों मे से करीब 25 फीसदी पर सीधी पहुंच उपलब्ध होगी.
बीपीसीएल मुंबई, कोच्चि (केरल), बीना (मध्य प्रदेश) और नुमालीगढ़ (असम) की रिफाइनरियों का परिचालन करती है. इनकी कुल क्षमता 3.83 करोड़ टन की है. इन रिफाइनरियों के पास देश की कुल 24.94 करोड़ टन की रिफाइनिंग क्षमता में 15 फीसदी हिस्सेदारी है. नुमालीगढ़ रिफाइनरी की 30 लाख टन क्षमता को हटाने के बाद नये खरीदार को 3.53 करोड़ टन की रिफाइनिंग क्षमता मिलेगी.
नुमालीगढ़ रिफाइनरी को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को बेचा जा रहा है. बीपीसीएल के पास 15,177 पेट्रोल पंप और 6,011 एलपीजी वितरक एजेंसियां हैं. साथ ही, इसके पास 51 तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) बॉटलिंग संयंत्र भी हैं.
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