”GST मुआवजा कोष में 25,000 करोड़ रुपये की रह सकती है कमी”
मुंबई : रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर, 2019 से जनवरी, 2020 की अवधि के दौरान राज्यों को जीएसटी मुआवजे का करीब 60,000 से 70,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. रेटिंग एजेंसी का मानना है कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जीएसटी मुआवजा कोष में करीब 15,000 […]
मुंबई : रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर, 2019 से जनवरी, 2020 की अवधि के दौरान राज्यों को जीएसटी मुआवजे का करीब 60,000 से 70,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. रेटिंग एजेंसी का मानना है कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जीएसटी मुआवजा कोष में करीब 15,000 से 25,000 करोड़ रुपये की कमी रहेगी.
एजेंसी का आकलन है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित नुकसान की वजह से अक्टूबर, 2019 से जनवरी, 2020 की अवधि के दौरान राज्यों को किये जाने वाले मुआवजे का भुगतान करीब 60,000-70,000 करोड़ रुपये बैठेगा. केंद्र को इसका भुगतान मार्च तिमाही तक करना है.
कानून के तहत केंद्र को राज्यों को जीएसटी व्यवस्था में पहले पांच साल के दौरान राज्यों को 14 फीसदी सालाना का भुगतान करना है. सरकार ने पहले इस साल जीएसटी संग्रह में 18 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था. वहीं, इस साल जनवरी तक इसमें करीब पांच फीसदी की ही वृद्धि हुई. चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक केंद्र ने राज्यों को मुआवजे के रूप में करीब एक लाख करोड़ रुपये जारी किये हैं.
इक्रा के कॉरपोरेट क्षेत्र रेटिंग के समूह प्रमुख जयंत रॉय के अनुसार, अक्टूबर, 2019 से जनवरी, 2020 के दौरान राज्यों को जीएसटी नुकसान पर 60,000 से 70,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. दिसंबर, 2019 तक मुआवजा कोष में उपलब्ध राशि 17,000 करोड़ रुपये थी. चौथी तिमाही में 28,000 करोड़ रुपये का मुआवजा उपकर जुटने का अनुमान है. इस तरह 2019-20 में मुआवजा कोष में 15,000 करोड़ से 25,000 करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है.
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