नयी दिल्ली : सरकारी इस्पात कंपनी सेल ने ओड़िशा और झारखंड के खदानों के पास पड़े निम्न गुणवत्ता वाले करीब सात करोड़ टन लौह अयस्क की नीलामी के लिए दोनों राज्यों की सरकारों से मंजूरी मांगी है. एक विशेषज्ञ ने कहा कि अयस्क में लोहे की मात्रा के आधार पर इसे बाजार में 40-45 से लेकर 62 डॉलर प्रति टन तक की कीमत मिल सकती है.
एक सूत्र ने बताया कि इस्पात बनाने में निम्न गुणवत्ता वाले अयस्क का इस्तेमाल इसमें से गंदगी निकालकर तथा इन्हें पैलेट बनाकर किया जा सकता है. सेल के पास निम्न गुणवत्ता के अयस्क को बेहतर बनाने की तकनीक और सुविधा नहीं है. इस कारण सेल इन अयस्कों की खपत नहीं कर पा रही है.
यह पूछे जाने पर कि ये अयस्क खदानों में कब से पड़े हुए हैं? इस सवाल के जवाब में सूत्र ने कहा, ‘निम्न गुणवत्ता वाले अयस्क सेल की शुरुआत के समय से ही जमा हो रहे हैं. कंपनी ने इनकी नीलामी के लिए ओड़िशा और झारखंड सरकार से मंजूरी की मांग की है. सूत्र ने कहा कि सेल को मंजूरी मिल जाने का भरोसा है. उसने बताया कि इन अयस्कों की नीलामी का विचार इस्पात मंत्रालय ने दिया है.
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