नयी दिल्ली: सीबीआई ने किंगफिशर एयरलाइंस की नकारात्मक क्रेडिट रेटिंग तथा नेटवर्थ की अनदेखी कर आईडीबीआई बैंक द्वारा कंपनी को 950 करोड रुपये के कर्ज देने के मामले की प्रारंभिक जांच शुरु कर दी है. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि बैंक संकट में घिरी कंपनी को कर्ज देने के मामले में संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहा है. मामले की जांच कर रहे सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘किंगफिशर को कर्ज देने वाले बैंकों के समूह से बाहर यह पहला बैंक है जिसने कर्ज दिया.
जब समूह के अन्य बैंकों के कर्ज फंसे हैं तब समूह से बाहर के किसी बैंक को कर्ज देने की आवश्यकता नहीं थी.’ सीबीआई के इस आरोप पर आईडीबीआई बैंक के चेयरमैन से इस बारे में फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है. सूत्रों ने कहा कि विजय माल्या द्वारा प्रवर्तित यूबी समूह की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस तथा आईडीबीआई बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से जल्द ही पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर बैंक ने अपनी आंतरिक रिपोर्ट की अनदेखी कर एयरलाइंस को कर्ज क्यों दिया.
आंतरिक रिपोर्ट में इस प्रकार के कदम को लेकर चेतावनी दी गयी थी. कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस ने अक्तूबर 2012 से परिचालन बंद कर रखा है. यूबी समूह के उपाध्यक्ष (कारपोरेट कम्युनिकेशंस) प्रकाश मिरपुरी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमें इस बारे में कोई पत्र नहीं मिला है और हम इस प्रकार की जांच से अनभिज्ञ हैं.’
भूषण स्टील और प्रकाश इंडस्ट्रीज के खिलाफ भी मामला दर्ज
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा विभिन्न कंपनियों को दिये गये फंसे कर्ज के संदर्भ में 27 मामले दर्ज किये हैं. जो मामले दर्ज किये गये हैं, उसमें दो ताजा मामले भूषण स्टील तथा प्रकाश इंडस्ट्रीज के खिलाफ हैं. इसमें सिंडिकेट बैंक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को इन कंपनियों द्वारा कथित तौर पर रिश्वत दिये जाने से जुडे हैं. किंगफिशर के उपर 17 बैंकों के समूह का 7,000 करोड रुपये का कर्ज है. इसमें सबसे ज्यादा कर्ज भारतीय स्टेट बैंक का 1,600 करोड रुपये का है.
समूह में पंजाब नेशनल बैंक का किंगफिशर एयरलाइन पर 800 करोड रुपये का बकाया है. बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड रुपये और बैंक ऑफ बडौदा का 550 करोड रुपये बकाया है. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का 430 करोड, सैंट्रल बैंक का 410 करोड, यूको बैंक का 320 करोड, कार्पोरेशन बैंक का 310 करोड, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का 150 करोड, इंडियन ओवरसीज बैंक का 140 करोड, फैडरल बैंक का 90 करोड, पंजाब एण्ड सिंध बैंक का 60 करोड और एक्सिस बैंक का 50 करोड रुपये का कर्ज बकाया है.
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