मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि क्रोनी कैप्टलीजम भारत जैसेदेश के लिए सबसे बडा खतरा है. राजन ने कहा कि यह विकास की गति को धीमा कर देता है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में यह आवश्यक चिंता का विषय है. सोमवार को मुंबई में ललित दोशी मेमोरियल लेक्चर के दौरान राजन ने कहा कि चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर बहस इस मामले पर भी बहस की गुंजाइस है. उन्होंने कहा कि पिछला चुनाव भी राजनेताओं और व्यापारिक समूहों के बीच सांठगांठ से भरा हुआ था.
राजन ने कहा कि क्रोनी कैप्टलीजम क्रोनी सोशलीजम का रूप लेकर हमारे सामने चुनावों में आता जा रहा है. जहां धनी और प्रभावशाली लोगों पर जमीन, प्राकृतिक संपदा और स्पेक्ट्रम तक हडपने का आरोप लगा हुआ है. क्रोनी कैप्टलीजम पारदर्शिता और प्रतिस्पद्धा की हत्या करने वाला है. क्रोनी कैप्टलीजम मुक्त उद्यम, अवसर और आर्थिक विकास के लिए बेहद घातक है.
राजन ने आगे कहा कि आज के दौर में हमारा देश राजनीति में अच्छे लोगों की कमी से जूझ रहा है. यह बात सभी राजनीतिज्ञों पर लागू नहीं होती, लेकिन यह सच है. कई बार मध्यम उच्च परिवार का एक समूह राजनीति को स्वच्छ करना चाहते है. इसी चाहत के साथ जब कभी ने चुनाव में खडे होते हैं तो उनकी जमानत जब्त हो जाती है. क्या यहां की जनता स्वच्छ राजनीति नहीं चाहती?
राजन ने कहा कि हमारे देश के अरबपतियों के धन का प्रमुख स्रोत भूमि, प्राकृतिक संसाधन, सरकारी ठेके और लाइसेंस हैं, और ये सभी जीचें इनहें सरकार की ओर से मुहैया करायी जाती है.
क्या है क्रोनी कैप्टलीजम
राज्यों की ओर से अपने हित के लिए पूंजीपत्तियों को अपने राज्य की भूमि, प्राकृतिक संसाधन और खनीजों के उपयोग का अधिकार दे दिया जाता है. केवल सामाजिक निगमित दायित्व के निर्वहन का जिम्मा लेते हुए ये पूंजीपती राज्य के संसाधनों का दोहन करते हैं और अपनी जेबें भरते हैं. सरकार को निजी रूप से इन कंपनियों से कई फायदे होते हैं, लेकिन आम लोगों को कई रूपों में इससे नुकसान होता है. छोटे उद्यमियों को नुकसान होने के साथ ही प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या भी बढ जाती है. इससे अलावे खनीजों के दोहन से स्थानीय लोगों को भारी नुकसान उठाना पडता है.