एलसीए के निर्माताओं ने किया स्वदेशीकरण बढाने का फैसला

बेंगलूरु: देश की प्रतिष्ठित हल्के लडाकू विमान (एलसीए) निर्माण की परियोजना पर काम कर रहे व्यावसायिक भागीदारों ने इस विमान में इस्तेमाल होने वाले स्वदेशी कल-पूर्जों का इस्तेमाल बढाने का फैसला किया है. अगले तीन साल में इसे 80 फीसदी पर पहुंचाने का लक्ष्य है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा एलसीए पर आयोजित स्वदेशी रणनीतिक भागीदारों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2014 1:59 PM

बेंगलूरु: देश की प्रतिष्ठित हल्के लडाकू विमान (एलसीए) निर्माण की परियोजना पर काम कर रहे व्यावसायिक भागीदारों ने इस विमान में इस्तेमाल होने वाले स्वदेशी कल-पूर्जों का इस्तेमाल बढाने का फैसला किया है. अगले तीन साल में इसे 80 फीसदी पर पहुंचाने का लक्ष्य है.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा एलसीए पर आयोजित स्वदेशी रणनीतिक भागीदारों की बैठक में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार अविनाश चंदर ने कहा कि यह संभव है क्यों कि 344 में से 165 प्रकार के कल-पुर्जे (लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट: एलआरयू) पहले से भारत में बनाए जा रहे हैं.

उन्‍होंने मंगलवार को यहां 50 कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी उपलब्ध न कराए जाने के बावजूद एलसीए का सपना हासिल किया गया है.हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के चेयरमैन आर के त्यागी ने कहा कि एचएएल बेंगलूर में समर्पित उत्पादन प्रभाग की स्थापना से एलसीए का उत्पादन सही रास्ते पर है.

त्यागी ने कहा, ‘‘हमारा हर साल 16 एलसीए के उत्पादन का लक्ष्य है. शुरुआती लक्ष्य 8 इकाई का था. इस महत्वपूर्ण परियोजना में विशेष कारोबारी भागीदारों के होने से हमें काफी मदद मिली है.’’ एचएएल के निदेशक (डिजाइन एवं विकास) टी सुवर्ण राजू ने कहा कि भारत अब अपना लडाकू विमान हासिल करने के करीब है जो दुनिया के श्रेष्ठ विमानों में होगा. उन्होंने इसके मद्देनजर सम्बद्ध पक्षों के लिए चीजों को समझना और ज्ञान का आदान प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है.

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