सरकार गरीब और व्‍यवसायी के साथ, उंची कर दर में नहीं है विश्‍वास: जेटली

मुंबई: वित्त मंत्री अरुणजेटली ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार उंची कर दरों में विश्वास नहीं करती और वह व्यावसाय को समर्थन देने के साथ-साथ गरीबों के हितों का भी ध्यान रखने वाली है. भाजपा के एक समारोह को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि कारोबार समर्थक होने में कोई बुराई नहीं है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2014 9:44 PM

मुंबई: वित्त मंत्री अरुणजेटली ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार उंची कर दरों में विश्वास नहीं करती और वह व्यावसाय को समर्थन देने के साथ-साथ गरीबों के हितों का भी ध्यान रखने वाली है. भाजपा के एक समारोह को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि कारोबार समर्थक होने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि देश को बेहतर आर्थिक वृद्धि के लिए निवेश की जरुरत है जिससे रोजगार के मौके पैदा होंगे और ज्यादा राजस्व अर्जित होगा.

जेटली ने कहा ‘सरकार को जब तक राजस्व नहीं मिलेगा वह बुनियादी ढांचा नहीं तैयार कर सकती और गरीबों के लिए कल्याण योजनाएं नहीं चला सकेगी. कारोबार और गरीब समर्थक होने में विरोधाभास नहीं है बल्कि दोनों का एक साथ रहना है.’ पूर्ववर्ती सरकार के पिछली तारीख से कर लगाने के प्रस्ताव जिससे निवेशक डर गए थे, के संबंध में जेटली ने कहा कि इससे देश के बारे में नकारात्मक धारणा बनी.

उन्होंने कहा ‘यदि आपकी कराधान नीति इतनी कमजोर है तो आपकी आर्थिक और कर नीति की कोई प्रामाणिकता नहीं है. संप्रग सरकार ने देश को इस स्थिति में पहुंचा दिया. मौजूदा सरकार उंचे कराधान वाली सरकार नहीं है.’ जेटली ने उच्च मुद्रास्फीति के लिए कम बचत दर को जिम्मेदार ठहराया. ‘पिछले साल संप्रग सरकार के कार्यकाल में बचत दर 33 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत रह गई. बचत को प्रोत्साहित किये जाने की जरुरत है इससे निवेश बढेगा.’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक नहीं कहा.

जेटली ने प्रधानमंत्री के योजना आयोग के स्थान पर नया संस्थान बनाने की घोषणा का स्वागत किया. उनहोंने कहा, ‘हम ऐसा ढांचा नहीं चाहते हैं जहां नई दिल्ली में बैठी सरकार चीजों को तय करती है. हर राज्य को यह तय करने का अधिकार है कि वह देश के संसाधनों का लाभ कैसे उठा सकता है.’

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