नयी दिल्ली : देश में अगर सरकार चिकित्सा प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए उपयुक्त नीति तैयार करे, तो यह क्षेत्र वर्ष 2025 तक 50 अरब डॉलर का हो सकता है. यह अभी 6.3 अरब डॉलर का है.
सीआइआइ ने एक रिपोर्ट में कहा है कि उद्योग में चिकित्सा उपकरण एवं डायग्नोस्टिकक्स शामिल हैं. सीआइआइ के चिकित्सा प्रौद्योगिकी विभाग के चेयरमैन तथा वाइगोन इंडिया के एमडी पवन चौधरी ने कहा कि चिकित्सा प्रौद्योगिकी में भारत को वैश्विक केंद्र बनाने के लिए रूपरेखा तैयार करने को लेकर बोस्टन कंसल्टिंग समूह के साथ दृष्टिकोण पत्र तैयार किया है, जो 20 अगस्त को दिल्ली में सीआइआइ के सम्मेलन में पेश किया जायेगा.
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