रांची, पटना समेत 93 एयरपोर्ट भारी घाटे में

नयी दिल्ली : देश के 93 हवाई अड्डे भारी घाटे में हैं. 86 तो लगातार तीन वर्ष से नुकसान में चल रहे हैं. नागर विमानन मंत्रलय के अनुसार, कमी की वजह प्रचालन की कमी है. दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट के साथ 13 राज्यों की राजधानी में स्थापित हवाई अड्डे शामिल हैं. इसमें रांची और पटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2014 7:25 AM

नयी दिल्ली : देश के 93 हवाई अड्डे भारी घाटे में हैं. 86 तो लगातार तीन वर्ष से नुकसान में चल रहे हैं. नागर विमानन मंत्रलय के अनुसार, कमी की वजह प्रचालन की कमी है. दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट के साथ 13 राज्यों की राजधानी में स्थापित हवाई अड्डे शामिल हैं.

इसमें रांची और पटना के एयरपोर्ट भी शामिल हैं. जो एयरपोर्ट लगातार तीन साल से नुकसान में हैं, उनमें भोपाल (मध्यप्रदेश), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), भुवनेश्वर (ओड़िशा), पटना (बिहार), रांची (झारखंड), हैदराबाद (आंध्र), रायपुर (छत्तीसगढ़), देहरादून (उत्तराखंड), श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्म कालीन राजधानी), शिमला (हिमाचल प्रदेश) समेत कई राज्यों की राजधानियों में बने एयरपोर्ट लगातार तीन साल से घाटे में चल रहे हैं.

लाभ में लाने की कोशिश : सरकार का कहना है कि घाटे में चल रहे एयरपोर्टो को लाभ में चलाने की योजना पर काम चल रहा है. इसके लिए इन अड्डों पर कार्गो गतिविधियों को बढ़ाया जा रहा है. दरों में भी संशोधन किया जा रहा है. ठेका देकर गैर विमानन राजस्व में बढ़ोतरी की जा रही है.

उनका कहना है कि इनमें कई हवाई अड्डों पर विमानों की आवाजाही नहीं हो रही हैं और यातायात संचालित नहीं होने से उन्हें नुकसान हो रहा है. इस स्थिति में इन अड्डों के रख-रखाव को बेहतर बना कर वहां फ्लाइंग विद्यालयों को प्रचालन की अनुमति देन पर विचार चल रहा है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version