नयी दिल्ली : विश्व भर में पेट्रो उत्पादों की कीमतों में चल रहा कटौती का दौर भारत के लिए अच्छे दिन लानेवाला है. जानकार सूत्रों के अनुसार तेल कंपनियां डीजल की बढ़ती कीमतों को घटाने की तैयारी कर रही हैं. क्रूड पदार्थों की कीमत पिछले 14 माह के निम्नतम स्तर पर 102 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंची है. ऐसे में भारतीय तेल कंपनियों को अपना घाटा पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाने पड़ेंगे. फिलहाल तेल कंपनियों को डीजल पर प्रति लीटर 1.78 रुपये का घाटा हो रहा है. यह पिछले माह जुलाई में हो रहे 2.50 रुपये प्रति लीटर से काफी कम है.
जून 2010 में डीजल की कीमतों पर से नियंत्रण हटाये जाने के बाद पेट्रो कंपनियों प्रतिमाह लगभग 50 पैसे की दर से बढ़ोतरी कर रही हैं. विश्वभर में क्रूड ऑयल की गिरती कीमतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजटकोषीय घाटे को भी स्थिर रखने में मदद की है. क्रूड ऑयल के दामों में प्रति बैरल एक डॉलर की गिरावट होने पर भारत का निर्यात घाटा लगभग 6000 करोड़ रुपये कम हो जाता है जिसे सरकार अन्य जनकल्याणकारी मदों में खर्च कर सकती है.
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