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फियो ने कहा, 2018-19 तक भारत का निर्यात 750 अरब डॉलर तक पहुंचेगा

नयी दिल्‍ली: अग्रिम निर्यातक संस्था फियो ने आज कहा कि वैश्विक व्यापार के परिदृश्य में सुधार के साथ वर्ष 2018-19 तक भारत का निर्यात 750 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि वैश्विक वाणिज्यक परिदृश्य में सुधार आ रहा है और इस वर्ष इसमें 4.7 प्रतिशत […]

नयी दिल्‍ली: अग्रिम निर्यातक संस्था फियो ने आज कहा कि वैश्विक व्यापार के परिदृश्य में सुधार के साथ वर्ष 2018-19 तक भारत का निर्यात 750 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि वैश्विक वाणिज्यक परिदृश्य में सुधार आ रहा है और इस वर्ष इसमें 4.7 प्रतिशत तथा 2015 में 5.3 प्रतिशत की दर से बढने की उम्मीद है.

फियो के अध्यक्ष रफीक अहमद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हमें पूरी उम्मीद है कि हम चालू वित्तवर्ष में 350 अरब डॉलर के निर्यात स्तर को लांघ जायेंगे. फियो ने वर्ष 2018-19 तक 750 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य का अनुमान व्यक्त किया है. इसके लिए वर्ष 2014-19 के दौरान 19.14 प्रतिशत की वर्ष दर वर्ष वृद्धिदर हासिल करने की जरुरत होगी.’

उन्होंने कहा कि भारत के अमेरिका और यूरोप जैसे पारंपरिक बाजार भी बेहतर आर्थिक परिणाम दे रहे हैं. ये क्षेत्र देश के निर्यात में 30 प्रतिशत योगदान करते हैं. इन पश्चिमी क्षेत्रों में मंदी ने भारत के निर्यात को गंभीर रुप से प्रभावित किया है. विगत तीन वर्षो से देश का निर्यात 300 अरब डॉलर के ईदगिर्द रहा है. वर्ष 2013-14, वर्ष 2012-13 और वर्ष 2011-12 में क्रमश: 312.35 अरब डॉलर, 300.4 अरब डॉलर और 307 अरब डॉलर रहा.

सरकार निर्यात बढाने के लिए कई कदम उठा रही है. सरकार द्वारा आगामी विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में उपायों की घोषणा किये जाने की उम्मीद है. अहमद ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय को परियोजना निर्यात के लिए प्रोत्साहन, ब्रांड संवर्धन, निर्यात विकास कोष सृजन, सेवा निर्यात के लिए उपाय और निर्यातकों को सस्ता ऋणजैसे कदमों की घोषणा करनी चाहिये.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा विशेष आर्थिक क्षेत्र का पुनरोद्धार करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम वैकल्पिक कर और लाभांश वितरण कर को तत्काल वापस लिया जाना चाहिये तथा एसईजेड (सेज) नीति को अपने मूल स्वरुप में बहाल किये जाने की आवश्यकता है. यह घरेलू और विदेशी निवेशकों की विश्वास बहाली में दूरगामी कदम साबित होगा.

अहमद ने यह सुझाव भी दिया कि सरकार ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ सभी क्षेत्रों और निर्यातकों को दे तथा इसे मार्च 2017 तक बढाये.निर्यातकों के लिए लेनदेन लागत को कम करने के लिए फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि मंजूरी और स्वीकृति के लिए समयसीमा को कम किया जाना चाहिए. इसके अलावा प्रक्रियाओं को सरलीकरण, दस्तावेजीकरण को कम करने को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिये.

अहमद ने यह भी सिफारिश की कि सरकार को सेज की तर्ज पर देश और उत्पाद विशिष्ट निर्यात क्लस्टरों अथवा पार्को की स्थापना की घोषणा करनी चाहिये. उन्होंने कहा, ‘यह भारत को विनिर्माण और निर्यात केंद्र बनाने में मदद करेगा. सरकार को विनिर्माण क्षेत्र को बढाने पर भी विशेष जोर देना चाहिये क्योंकि यह निर्यात पर भी असर डालता है.’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा निर्यातकों को लातिन अमेरिका, रुस और अफ्रीका जैसे बाजारों में संभावनायें तलाशनी चाहिये. अपने विगत दो महीनों में दोहरे अंक में वृद्धि देखने के बाद जुलाई में निर्यात वृद्धि दर घटकर 7.33 प्रतिशत रह गयी.

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